योगी राज में भी विकास को तरस रही महायोगी की जन्मभूमि

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 05:22 PM (IST)

गोण्डाः गोण्डा जिले के वजीरगंज कोडर गांव में स्थित महायोगी महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली आज भी विकास को तरस रही है। महर्षि पतंजलि न्यास के अध्यक्ष स्वामी भगवदाचार्य ने बताया भले ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर केन्द्र, राज्य सरकार व पतंजलि योगपीठ जगह जगह प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से योग के लिए प्रयासरत हो। लेकिन योग प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली की बदहाली पर किसी का ध्यान नहीं है।

महायोगी पतंजलि का जन्मस्थान गोण्डा
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को और केन्द्र सरकार ने महायोगी पतंजलि का जन्मस्थान गोण्डा को जो कि पूर्व मे गोनर्द के नाम से जाना जाता था। पतंजलि के जन्मस्थान के जीर्णोंद्धार के लिये कई बार सरकार से अनुरोध किया गया लेकिन योग का सम्मान करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों मे अभी तक यहां किसी प्रकार के विकास या जीर्णोंद्धार की कोई घोषणा व पहल तक नहीं की है।

रामदेव की दृष्टि भी कोडर गांव की ओर नहीं पड़ी
न्यास के अध्यक्ष ने कहा कि महर्षि पंतजलि के नाम का भरपूर इस्तेमाल करने वाले योगगुरू स्वामी रामदेव की दृष्टि भी कोडर गांव की ओर नहीं पड़ी है। हालांकि पिछली सरकारों के नुमाइंदों ने कोडर गांव का दौरा कर सिर्फ घोषणाओं की खानापूर्ति की।   उन्होंने कहा कि पिछली अखिलेश सरकार ने जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र मे महर्षि पतंजलि सूचना प्रौद्योगिकी एवं पालीटेक्निक कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू कराया।

कोडर गांव मे स्थित झील की हालत बदतर
स्वामी भगवदाचार्य ने बताया कि कोडर गांव मे स्थित झील की हालत बदतर है। यहां दूर दराज से आने वाले आगंतुकों के लिये कोई आश्रम,धर्मशाला अथवा स्वास्थ के लिये कोई सुविधा नहीं है। शुद्ध पेयजल ,विद्युत ,खानपान व अन्य तमाम संसाधनों का नामों निशान तक नहीं है। इस संबन्ध मे केन्द्र व राज्य सरकारों को पत्र के माध्यम से कई बार न्यास समिति ने अनुरोध किया है। बहरहाल स्थानीय संसाधनों को एकत्र कर स्वामी भगवदाचार्य के नेतृत्व मे प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कोडर झील के किनारे योग शिविर का कार्यक्रम आयोजित कर संगोष्ठी कराई जाती है।  

Tamanna Bhardwaj