योगी राज में यूपी की सड़कों पर दौड़ेगा चलता-फिरता ICU

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2017 - 04:26 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के योगी राज में पूर्व समाजवादी पार्टी की योजनाओं में नित फेर-बदल के किस्से गरमा रहे है। इसी कड़ी में अब योगी सरकार 'समाजवादी 'एंबुलेंस सेवा में क्रिटिकल मरीजों के लिए अलग व्यवस्था करने जा रही है। 'समाजवादी 'एंबुलेंस सेवा अब यूपी सरकार के नाम से क्रिटिकल मरीजों के लिए नई एंबुलेंस सेवा के रूप में उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ेगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री आज शाम 5 कालिदास मार्ग पर एएलएस यानी 'एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा' को हरी झंडी दिखाएंगे। पहले चरण में 150 एंबुलेंस को प्रदेश के 75 जिलों में दौड़ाया जाएगा।खास बात यह है कि यह एंबुलेंस आधुनिक उपकरणों से लैस होगी और क्रिटिकल केयर के लिए अपने आप में एक चलता-फिरता आइसीयू होगा।

गौरतलब है कि अखिलेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट रही समाजवादी एंबुलेंस 102 और 108 योजना से चुनाव आयोग ने ही चुनाव के दौरान 'समाजवादी' शब्द हटवा दिया था. समाजवादी पार्टी की सरकार में 108 और 102 एंबुलेंस चलाई गई थी, ताकि आम आदमी को समय पर चिकित्सा सेवा मिल सके और कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में दम न तोड़े।

जानिए क्या-क्या है इसकी विशेषताएं
- योगी सरकार के निर्देशानुसार हर जिले को दो-दो एंबुलेंस दी जाएंगी।
- यह निशुल्क सेवा केवल क्रिटिकल पेशेंट्स को मिलेगी।
- हर मुख्यालय में उपलब्ध होगी या एंबुलेंस एक हस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने का काम करेगी।
- इसके उपयोग के लिए सीएमओ डायरेक्टर या डॉक्टर से लेनी होगी परमिशन।|
- इससे क्रिटिकल केयर के पेशेंट हार्ट की प्रॉब्लम वाले गंभीर मरीज डिलीवरी के सीरियस पेशंट, नवजात शिशु, या फिर किसी भी अति गंभीर मरीज को को लाभ मिलेगा।
- एएलएस एम्बुलेंस में इमरजेंसी सेवा एम्बुलेंस के अंदर एक वेंटिलेटर लगाया गया है।
- वैन के अंदर एक आटोमेटेड एक्सटर्नल डिफेबरीलेटर डिवाइस लगाई गई है।
- इसमें एक मल्टी पैरा मॉनिटर डिवाइस लगाई गई है।
- इमरजेंसी में पेशेंट्स को दी जाने वाली सभी जरूरी मेडिसिन्स अवेलेबल रहेंगी।