योगी सरकार के महिलाओं की सुरक्षा के दावे फेल, न्याय ना मिलने पर रेप पीड़िता ने दी जान

punjabkesari.in Saturday, Feb 23, 2019 - 01:17 PM (IST)

बाराबंकीः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर आपको गुस्सा और रोना एक साथ आ सकता है। ये मामला उन तमाम दावों के मुंह पर करारा तमाचा है जो प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे हैं। दरअसल, एक दलित लड़की के साथ गांव के ही एक दबंग ने रेप की वारदात को अंजाम दिया। जिसके बाद पीड़िता को उसका बयान बदलने के लिए आरोपी दबंग और इलाकाई पुलिस ने इतना धमकाया की वह जहर खाकर जान देने को मजबूर हो गई।

जानिए पूरा मामला
मामला देवा इलाके के कैमा गांव का है। यहां की रहने वाली एक दलित लड़की पर गांव के दबंग इकराम की नियत खराब थी। वहीं इकराम के ड्राइवर राकेश ने इस दलित युवती को अपने प्रेम जाल में फंसा कर घर से भागने को राजी कर लिया। जिसके बाद दोनों घर से भाग गए। लड़की अपनी मां के गहने लेकर राकेश साथ भाग गई। राकेश उसे भगाकर इकराम के पास ले आया। इकराम ने किसी काम से राकेश को बाहर भेज दिया। जिसके बाद उसने दलित लड़की की आबरू को तार-तार कर दिया। उसने लड़की को अपना मुंह बंद रखने की नसीहत दी।

गांव के दंबग ने दलित लड़की से किया रेप
राकेश के आने पर दोनों को अपनी ही गाड़ी में बैठा कर फतेहपुर इलाके में एक फार्म हाउस पर पहुंचा दिया। वहीं युवती की मां के अनपढ होने और पुलिस से सांठ-गांठ होने का फायदा उठाते हुए इकराम ने अपने कुछ विरोधियों पर युवती को गायब करने का मुकदमा दर्ज करवा दिया। इसी बीच युवती की मां को कुछ सुराग मिले की युवती को गायब करने में दबंग इकराम का हाथ है। तो उसने अधिकारियों से मामले की गुहार लगाई, जिसके बाद दबंग इकराम ने युवती को बरामद करवा दिया। घर पहुंचकर युवती ने आपबीती परिजनों और पुलिस को बताई।

पीड़िता को बयान बदलने के लिए धमकाया
दबंग इकराम ने पुलिस के साथ सांठ-गांठ के चलते राकेश को तो जेल भेज दिया, लेकिन युवती के बार-बार कहने और अदालत में कलमबंद बयान देने के बाद भी दबंग इकराम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा पुलिस भी दबंग इकराम के साथ मिलकर पीड़िता और उसकी मां को ही अपना बयान बदलने के लिए धमकाती रही।

जहर खाकर पीड़िता ने दी जान
अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पीड़िता की मां ने जिले के तत्कालीन एसपी वीपी श्रीवास्तव से लेकर जिले की महिला सांसद प्रियंका सिंह रावत और सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ तक से गुहार लगाती रही, लेकिन उसे इंसाफ न मिला और फिर वही हुआ जिसका डर इस बेबस मां को काफी समय से सता रहा था। पीड़ित लड़की ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली।

न्याय मिलता तो शाहद बच जाती पीड़िता
विडंबना ये है कि प्रदेश की बेटिया दहशत में जीने को मजबूर है क्योंकि प्रदेश की बेटियों के साथ न सिर्फ आपराधिक वारदातें हो रही है बल्कि सिस्टम की बदहाली के चलते उन्हें न्याय भी नही मिल पा रहा और घुटन और अपमान का ये दंश उन्हें जान देने पर मजबूर कर रहा है। अगर पुलिस वक्त रहने आरोपी पर कार्रवाई करती तो शायद पीड़िता की जान बच जाती।
 

Tamanna Bhardwaj