योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘श्रीराम प्रतिमा’ को लेकर खड़ा हुआ विवाद, कॉलोनी वासियों ने ली न्यायालय की श

punjabkesari.in Sunday, Jul 14, 2019 - 11:06 AM (IST)

अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट सरयू तट पर विश्व की सबसे ऊंची श्रीराम की प्रतिमा लगाने के मामले में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विशालकाय श्री राम की मूर्ति लगाने के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ रामघाट कॉलोनी निवासियों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। करीब 166 कालोनी वासियों में से 65 लोगों ने एक साथ प्रशासन पर मुआवजे को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

बताते चलें कि बीते दीपोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू तट पर विश्व की सबसे ऊंची 221 मीटर की श्रीराम की विशालकाय मूर्ति स्थापित करने की घोषणा कर दी। जब पर्यटन विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया गया तो मुआवजे को लेकर कॉलोनी वासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जिला प्रशासन से कई चक्र वार्ता के बाद भी जब बात नहीं बनी तो करीब 166 कॉलोनी वासियों में से 65 लोगों ने न्यायालय की शरण लेते हुए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। जिसकी सुनवाई 15 जुलाई को लखनऊ हाईकोर्ट करेगा। इसके साथ ही राम घाट कॉलोनी के निवासियों ने जिला प्रशासन पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। 

जमीन अधिग्रहण करने गई जिला प्रशासन टीम को लोगों किया वापस
श्री राम की विशालकाय मूर्ति के लिए जमीन अधिग्रहण करने गई जिला प्रशासन की टीम को पहले ही स्थानीय लोगों ने वापस कर दिया था। लोगों का आरोप है कि सरकार उन्हें जमीन का उचित मुआवजा नहीं दे रही है। 

200 करोड़ का बजट प्रस्तावित
पर्यटन विभाग ने सरयू किनारे भगवान श्रीराम की मूर्ति लगाने के लिए 200 करोड़ का बजट प्रस्तावित कर दिया है। प्रस्तावित मूर्ति की स्थापना के लिए करीब 28.2864 हेक्टेयर भूमि क्रय की जानी है। सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 38 करोड़ 6 लाख आंकी गई है। कालोनी वासियों का आरोप है कि नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना देने की व्यवस्था है। लेकिन स्थानीय प्रशासन जमीन का सही मुआवजा नहीं दे रहा है। इसी को लेकर जिला प्रशासन से कई चक्र होने के बाद जब बात नहीं बनी तो अब रामघाट कॉलोनी के 65 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है जिसकी सुनवाई 15 जुलाई को होनी है।

प्रशासन के रवैये से साधु संत भी नाराज
प्रशासन के इस रवैये से अयोध्या के साधु संत महंत सत्येन्द्र दास(मुख्य पुजारी राम जन्मभूमि), महंत परमहंस दास (तपस्वी छावनी)भी नाराज हैं। संतों का कहना है कि पहले से अयोध्या में श्री राम विवादों में हैं। अब योगी सरकार अयोध्या में 221 मीटर की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा तो कर दी लेकिन प्रशासन के ढुलमुल रवैया के चलते एक बार फिर श्री राम विवादों के घेरे में आ गए हैं। संतों की मांग है कि अब फिर श्री राम जी को विवादों में न रखा जाय।
 

Ajay kumar