योगी के मंत्री बोले- अखिलेश के इशारे पर चल रही मौर्य की जुबान, तभी नहीं लग रही लगाम

punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 01:02 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इन दिनों रामचरितमानस को लेकर सियासत गरमाई हुई है। पक्ष-विपक्ष के नेताओं में लगातार वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। इस बीच योगी सरकार में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से रामचरितमानस को लेकर जो चीजें हो रही हैं, वह सब सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इशारे पर हो रही हैं। अखिलेश यादव के कहने पर ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बयान दिया होगा। सभी चीजें अखिलेश यादव ही करवा रहे हैं। जयवीर सिंह ने कहा कि 2024 के चुनाव के चलते सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश अखिलेश यादव के इशारे पर हो रही है।

जयवीर सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के यह सभी बयान मूर्खतापूर्ण बयान हैं। यह सिर्फ लाइम लाइट में रहने के बयान हैं। लोगों को उम्मीद थी कि अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य की भाषा पर लगाम लगाएंगे, लेकिन समाजवादी पार्टी की अंदर की यही भावना थी, इसीलिए अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को सही बताया। अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान का फायदा लेकर ओबीसी-एससी का वोट लेने के लिए राजनीति कर रहे हैं।

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अखिलेश ही शूद्र हैं तो स्वर्ण कौन है?
इतना ही नहीं पर्यटन मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव अपने आपको शूद्र बताकर ओबीसी और एससी को सेंट्रलाइज करने का काम कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को सम्मान देने का काम किया है, जिससे साफ है कि अखिलेश यादव के द्वारा ही यह सब किया गया है। उन्होंने कहा कि एक बात यह भी है कि अखिलेश ही शूद्र हैं तो स्वर्ण कौन है? जो अखिलेश यादव बहुत सारी संपत्तियों के मालिक हैं, सबसे बड़े पूंजीपति हैं, बड़े बाप के बेटे हैं। मैं तो ईश्वर से दुआ करूंगा कि अखिलेश यादव शूद्र हैं तो देश के सभी आदमी अखिलेश यादव जैसे शूद्र हो जाए।

इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी शुद्र हैं। धर्म और रामचरितमानस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि हम भगवान श्री राम के विरोध में नहीं हैं और ना ही रामचरितमानस के, लेकिन जो चौपाई है उसे कोई पढ़कर सुनाए। मैं सदन में मुख्यमंत्री से भी कहूंगा कि वह सुनाएं। सीएम से सदन में पूछूंगा कि मैं शुद्र (Shudra) हूं या नहीं।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने? 
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है। क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj