योगी का नेता प्रतिपक्ष पर तंज, कहा- गौसेवा करते तो दिखाई देता, लेकिन भैंस वाले दूध का असर भाषण में ज्यादा दिखाई दिया..

punjabkesari.in Tuesday, May 31, 2022 - 02:52 PM (IST)

लखनऊ: यूपी विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन पक्ष नेता योगी आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष को बताना चाहता हूं कि आज गोबर से अगरबत्ती धूप अगरबत्ती भी बनती है,अगर पूजा करते तो जरूर जलाते। अगर गौसेवा करते होते तो भाषण में भी दिखाई देता,लेकिन शायद भैंस वाले दूध का असर भाषण में ज्यादा दिखाई दिया।

योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भाषण में एक तरफ किसान की बात कर रहे ठगे, दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू आ रही थी, हम लोगों के लिए तो गौ माता होती है, चचा शिवपाल से ही पूजा कैसे होती है पता कर लेते, घरों में जब पूजा होती है तो गाय के गोबर शुरुआत होती, गोवर्धन पूजा,संस्कार में है, हम लोग इसे नैचुरल फॉर्मिंग में लेकर आ रहे हैं।

 बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● हमारी सरकार द्वारा 26 मई को प्रस्तुत 2022-23 का बजट अब तक के सभी बजट से सबसे बड़ा है।

● 1947 में प्रदेश का जो पहला
बजट आया था वो कुल 103 करोड़ रुपये का था। उस समय भारत की प्रति व्यक्ति आय थी 267 रुपये और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 259 रुपये थी। इस समय देश की जीडीपी ₹9530 करोड़ थी। प्रदेश की जीएसडीपी ₹1628 करोड़ थी। 

● भारत ने इस दौरान लंबी यात्रा की। इतनी बड़ी आबादी को नेतृत्व देते हुए कई चुनौतियां आईं। 

● 1947 में राष्ट्रीय औसत के बराबर ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय थी। लेकिन इन 70- 75 वर्षो में हम कहाँ खो गए। 2015-16 में ऐसा क्या हो गया कि समाजवादी पार्टी के समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1/3 रह गई थी। क्यों रह गई 1/3। हम आपको ब्लेम नहीं कर रहे। लेकिन कोई तो कारण रहा होगा। कि 1947 में देश की प्रति व्यक्ति आय के 1/3 क्यों रह गईं। हमें सोचना होगा कि हम कहाँ लेकर जा रहे थे प्रदेश को।

● 1947 में फिर 2016-17 और फिर आज 2022-23 में प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करनी होगी। सभी माननीय सदस्यों को इस चिंतन को आगे बढाना होगा। यूपी में पोटेंशियल है। 

● कोई स्कीम व्यक्ति या पार्टी के लिए नहीं होती। भाजपा सरकार के आने के बाद जो कुछ हुआ है वह 25 करोड़ जनता के उत्थान के लिए हुआ है। जनता को साक्षी मानकर हुआ है। 

● जब तक हमारे  लक्ष्य ऊंचे नहीं होंगे, तब तक हमारी उपलब्धियां बड़ी नहीं होंगी। आज बजट जा दायरा बढ़ा है। 2015-16 का बजट 03 लाख करोड़ का था, आज 06 लाख 15 करोड़ का बजट पेश हुआ है।

● 2012-17 के सापेक्ष 2017-22 के बीच कुल 6 लाख 62 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च हमने किया है। यह विकास के लिए खर्च हुआ है।

● प्रदेश के विकास को 19.6% की दर से वृद्धि करने में हम सफल हुए हैं। 

● 2016-17 के बजट में आमदनी में से राज्य के कर 29% था। यानी इनकम नहीं बढ़ा पा रहे थे। हमने 05 सालों में बढ़ोतरी करके बजट का 36.5 फीसदी अपनी आय से कर रहे हैं वित्तीय प्रबंधन से कर चोरी को रोका है। 

● 2016-17 में बजट का 15.88% वित्त पोषण ऋण के रूप में था। बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं पर निर्भरता थी। अब 2022-23 में यह मात्र 13% रह गई है। शेष अपने स्रोतों या केंद्र से प्राप्त सहयोग से हो रहा है।

Content Writer

Imran