योगी सरकार का दावाः इन्वेस्टर्स समिट से संवरेगी उत्तर प्रदेश की सूरत

punjabkesari.in Sunday, Jan 28, 2018 - 07:26 PM (IST)

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाक का सवाल बन गए ‘इन्वेस्टर्स समिट-2018’ की तैयारियों में लगे सरकारी अमले का दावा है कि आगामी 21 फरवरी से यहां होने वाले दो दिवसीय इस आयोजन के जरिए तीन-चार सालों में 5,00,000 करोड़ रुपए के निवेश और 20 लाख नौकरियां दी जाएंगी।  

लखनऊ को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सडकों की मरम्मत और डिवाइडरों का रंगरोगन युद्ध स्तर पर चालू है। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को राज्य में निवेश का न्यौता दिया है। समिट को सफल बनाने के लिये योगी और वरिष्ठ अधिकारी देश के बडे शहरों के साथ ही विदेशी उद्योगपतियों से भी संपर्क साध रहे हैं। उन्हें प्रदेश में भयमुक्त समाज और माहौल का भरोसा दिलाया और कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर और ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर को ध्यान में रखकर ही राज्य सरकार उद्योग विकास की योजना तैयार कर रही है। 

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है,जहां 60 प्रतिशत युवा हैं। इससे मानव शक्ति की कमी भी नहीं होगी। युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर औद्योगिक विकास की गति दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने मुंबई में रतन टाटा ,मुकेश अंबानी, एन चंद्रेखरन, पवन गोयनका, सुभाष चंद्रा, अशोक हिंदुजा, दीपक पारेख, शेखर बजाज, अरविंद लालभाई, सुधीर मेहता, मधुसूदन अग्रवाल और मेहुल चौकसी से मुलाकात की। योगी करीब 300 अन्य कारोबारियों से भी मिले। योगी फिल्म निर्माता बोनी कपूर, अनुराम कश्यप, अभिनेता रणदीप हुड्डा और राहुल मित्रा से भी मिले।

योगी ने उद्योपतियों को आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश में फूड पाकर, कॉपर इण्डस्ट्री, हार्वेसिंट्ग केमिकल्स, ऑटोमोबाइल एवं प्लास्टिक इण्डस्ट्री, आई़ टी़ इलेक्ट्रानिक में निवेश का बड़ा मौका है। सिंगल विंडो सिस्टम और कारोबार सुगमता से लागू किया गया है। श्रम कानूनों में बदलाव को मंजूरी दी गई है। करीब 1,200 गैरजरुरी कानून खत्म किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि फिजिकल फाइल की जगह ई-फाइलें बनायी जाएंगी।‘मेक इन इण्डिया’की तर्ज पर‘मेक इन यू़ पी़ ‘ कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसमें उद्योगपतियों को विशेष सहूलियतें दी जाएंगी। औद्योगिक रुप से पिछड़े इलाके बुन्देलखण्ड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में निवेश करने वालों को जी़ एस़ टी़ में छूट दी जाएगी।  समिट में नीदरलैण्ड, मॉरीशस और फिनलैण्ड के उद्योगपति भी शामिल होने की स्वीकृति दे चुके हैं। इसमें लगभग 5,000 निवेशकों को बुलाया जा रहा है। समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लगभग 20 केन्द्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। 

इसमें प्रवासी भारतीयों को भी निमंत्रण दिया गया है। यह समिट उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।  इस समिट को सफल बनाने के लिए ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नई दिल्ली में रोड शो किया गया। इसमें प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने भी भाग लिया। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि नई औद्योगिक नीति के तहत उन्हें भूमि, तकनीक और विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी दिलाई जाएंगी। बुलन्देलखण्ड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इस क्षेत्र के उद्यमियों को अपने उत्पादन देश की राजधानी भेजने में सफलता मिलेगी।