फर्रुखाबाद: 49 बच्चों की मौत पर सख्त हुई योगी सरकार, DM-CMO-CMS पर गिरी गाज

punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2017 - 02:46 PM (IST)

फर्रुखाबाद\लखनऊ: फर्रुखाबाद जिला संयुक्त अस्पताल में एक महीने के दौरान 49 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का तबादला कर दिया।

फर्रुखाबाद में 49 नवजात शिशुओं की मौत
जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में ऑक्सीजन की कमी तथा इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में रात शहर कोतवाली में नगर मजिस्ट्रेट जयनेन्द्र कुमार जैन की तहरीर पर मुख्य चिकित्साधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं अन्य के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि इस साल 20 जुलाई से 21 अगस्त के बीच जिला महिला चिकित्सालय फर्रुखाबाद में 49 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जिनमें 19 पैदा होते ही मर गए।

CMO और CMS के खिलाफ FIR दर्ज
मीडिया में खबर आने के बाद जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी उमाकांत पांडेय की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच कराई। समिति के निष्कर्षों से संतुष्ट न होने के बाद जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच कराई थी, जिसके आधार पर आरोपी चिकित्साधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस मामले में मामला दर्ज कराने वाले नगर मजिस्ट्रेट जयनेन्द्र जैन द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक मुख्य चिकित्साधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा दी गई 30 मृत बच्चों की सूची में से ज्यादातर की मौत का कारण ‘पैरीनेटल एस्फिक्सिया’ बताया गया है।

अॉक्सीजन और इलाज में लापरवाही के कारण हुई बच्चों की मौत
इस बीच, फर्रुखाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट जयनेन्द्र कुमार जैन तथा उपजिलाधिकारी सदर अजीत कुमार सिंह ने मौके पर जाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। जांच में पाया गया कि अॉक्सीजन न मिल पाने और इलाज में लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई थी। नगर मजिस्ट्रेट ने शहर कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा कि जिलाधिकारी ने फर्रुखाबाद के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त जिला अस्पताल के एनआईसीयू में पिछले 6 माह में भर्ती हुए शिशुओं में से मृत बच्चों का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे, लेकिन मुख्य चिकित्साधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने आदेशों की अवहेलना करते हुए समुचित सूचना उपलब्ध नहीं कराई।