योगीराज! शिक्षा के मंदिर में भरा भूसा, बच्चे बरामदे में पढऩे को मजबूर

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 05:39 PM (IST)

​हमीरपुर: हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी शिक्षा के गुणवत्ता सूचकांक में उत्तर प्रदेश की हालत सबसे निचले पायदान पर है। इतना ही नहीं देश का सबसे बड़ा राज्य शिक्षकों की भारी कमी से भी जूझ रहा है। गुणवत्ता सूचकांक की रिपोर्ट पर लोगों ने निराशा जाहिर की थी और सवाल खड़ा किया था कि आखिर उत्तर प्रदेश की शिक्षा में भारी गिरावट क्यों हो रही है। लोगों के इस सवाल का जवाब मिल गया है। दरअसल जो वजह हम बताने जा रहे हैं उसे देखकर प्रदेश के लोग चौंक जाएंगे।

मामला प्रदेश के हमीरपुर जिले का है। यहां के सरीला ब्लाक क्षेत्र में पुरैनी गाँव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय की चौंका देने वाली तस्वीरें देखने को मिली हैं। विद्यालय में जिस कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं वहां पर भूसा भराकर ताला लगा दिया गया है। अब छात्र-छात्राएं बरामदे में बैठकर पढऩे को मजबूर हैं।
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भूसे को कमरों में किसने भराया जानकारी नहीं-प्रधानाध्यापक
क्लास रूम में ताला क्यूँ डाला गया जब इस बाबत यहां के प्रधानाध्यापक गजराज राजपूत से बात की गई तो इनका कहना है कि कमरों में भूसा भरा हुआ है जो गौशाला के लिये आया हुआ था। भूसे को कमरों में किसने भराया इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन सुनने में आ रहा है कि ग्राम प्रधान ने भरवाया है।
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जांच के बाद की जाएगी विधिक कार्रवाई-बेसिक शिक्षा अधिकारी
इस बाबत जब बेसिक शिक्षा अधिकारी सतीस कुमार से बात की गई तो इनका कहना है मामला उनके संज्ञान में आया है। जिसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच आख्या आने पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।

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खड़ा हो रहे ये सवाल-
सवाल खड़ा हो रहा है कि शिक्षा के मंदिर में भूसा कहां से आया। भूसा भरने के लिए क्या कहीं और कोई इंतज़ाम नहीं था जो स्कूल में भर दिया गया। क्या भूसा का बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्व है? शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न करने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार क्या इसपर कोई कार्रवाई करेगी?

...तो इसलिए गिर रहा पढ़ाई का स्तर
प्रधानाध्यापक और बीएसए के गैर जिम्मेदाराना जवाब को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों की पढ़ाई की इन्हें कितनी फिक्र है। जब ऐसे अध्यापक और अधिकारी होंगे तो शिक्षा के स्तर में बढ़ोत्तरी की बजाए गिरावट ही दर्ज होगी।


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Ajay kumar

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