जियाउर्रहमान बर्क ने वंदे मातरम पर जताई आपत्ति, कहा- हमारे मजहब के खिलाफ है, गाने के लिए कोई मजबूर नहीं कर सकता
punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 12:50 PM (IST)
संभल: सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने वंदे मातरम का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम गाने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता। इस गीत में कुछ ऐसे शब्द हैं जो उनके मजहब के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि मेरे दादा ने भी इसका विरोध किया था। मैं भी उनका समर्थन करता रहा हूं और कभी इस गीत को नहीं गाना है। राष्ट्रगान का हम पूरा सम्मान करते हैं। पूरे सम्मान के साथ हम उसका गान भी करते हैं।
जानिए बर्क ने क्या-क्या कहा?
शनिवार को अपने आवास दीपा सराय में मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद ने कहा कि उनके दादा, पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने भी वंदे मातरम का विरोध किया था और संसद में इसके गाए जाने पर सदन से बाहर चले गए थे। सांसद ने कहा, “हमारा मजहब केवल एक अल्लाह की इबादत की इजाजत देता है, इसलिए हम किसी और को सजदा नहीं कर सकते। वंदे मातरम गाने के लिए कोई हमें मजबूर नहीं कर सकता।”
'राष्ट्रगान का हम पूरा सम्मान करते हैं'
सांसद ने कहा कि यह बात सर्वोच्च न्यायालय ने भी 1986 में केरल के एक मामले में साफ कही थी, जब तीन बच्चों को वंदे मातरम न गाने पर स्कूल से निकाला गया था। इससे आगे उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रगान का वे पूरा सम्मान करते हैं और हमेशा सम्मानपूर्वक गाते भी हैं।

