14 किमी.पैदल दूरी तय कर गांव पहुंचते हैं ग्रामीण, बरसात के दौरान पैदल मार्ग भी हो जाता है क्षतिग्रस्त

punjabkesari.in Thursday, Sep 13, 2018 - 03:05 PM (IST)

उत्तरकाशीः उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार के द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन इन सबकी हकीकत तो कुछ और ही बयां कर रही है। उत्तरकाशी जिले में कुछ गांव ऐसे हैं, जहां पर बरसात के बाद आवाजाही के लिए पैदल मार्ग भी सुरक्षित नहीं रहता है। 

जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी जिले में गोविंद पशु वन्य जीव विहार के अंतर्गत आने वाले 4 गांवों लिवाड़ी, फीताडी, ढाटमीर, गंगाड ऐसे हैं, जहां पर बरसात होने के बाद पैदल मार्ग पर भी आवाजाही सुरक्षित नहीं है। जिला मुख्यालय से गांव तक के लिए ग्रामीणों को लगभग 14 किमी. तक की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। इतना ही नहीं इन गांवों में बरसात के दौरान पैदल मार्ग पर बना पुल रूपिन नदी के तेज बहाव की भेंट चढ़ चुक है। 

वहीं गोविंद पशु वन्य जीव विहार के कड़े कानून के आगे ग्रामीण स्वयं भी इन क्षतिग्रस्त मार्गों पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं कर सकते। बता दें कि इन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पैदल मार्ग तक भी सुरक्षित नहीं है तो इन गांवों में सड़क की उम्मीद करना तो बेकार है। राज्य सरकार के द्वारा भी इन ग्रामीणों की परेशानी का कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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