कांग्रेस में नहीं थम रहा अंदरूनी विवाद, धामी के बाद अब 2 और नेताओं ने दिया इस्तीफा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 10:44 AM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के अंदर उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को 2 और नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा देकर पार्टी के विवाद को और गहरा कर दिया।

हल्द्वानी में पार्टी के प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश की मौजूदगी में दोनों नेताओं के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। समर्थकों ने दोनों नेताओं को खरी-खरी भी सुनाई। कांग्रेस के हल्द्वानी स्थित पार्टी मुख्यालय स्वराज भवन में पार्टी की ओर से खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया था। इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और हल्द्वानी से कांग्रेस पार्टी की विधायक इंदिरा हृदयेश भी शामिल हुईं। दोनों नेताओं के पहुंचते ही नाराज नेताओं और उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया।

वहीं कांग्रेस नेता एवं नैनीताल दुग्ध संघ के पूर्व चेयरमैन संजय किरौला और कालाढूंगी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष दीप सती ने उन्हें अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए। संजय किरौला और दीप सती को हाल ही में घोषित प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई थी। नाराज नेताओं और उनके समर्थकों ने दोनों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं को प्रमुख पदों से नवाजा गया है जबकि वरिष्ठ नेताओं एवं पार्टी के लिये समर्पित नेताओं की पार्टी संगठन में उपेक्षा की जा रही है। पीसीसी के सदस्य रहे संजय किरौला ने बताया कि उन्होंने और सती ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की जा रही है।

पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं को इनाम दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2017 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में बगावत करने वाले नेता महेश शर्मा को पार्टी में महासचिव पद से नवाजा गया है। शर्मा ने पार्टी से बगावत कर अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भाजपा के लिये राह आसान कर दी थी। किरौला ने यह भी आरोप लगाया कि दूसरे बगावती नेता अरेन्द्र शर्मा को पार्टी ने उपाध्यक्ष पद से नवाजा है। उन्होंने कहा कि शर्मा ने पार्टी से बगावत कर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

किरौला ने धारचूला के विधायक हरीश धामी के इस्तीफे का समर्थन किया और कहा कि पार्टी में उन्हें सचिव की जगह महत्वपूर्ण पद से नवाजा जाना चाहिए था। उन्हें सचिव पद पर अंतिम पायदान पर जगह दी गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अन्य विधायकों की तरह ही विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया जाना चाहिए था। ऐसा आश्चर्यजनक है। इस्तीफा देने वाले दूसरे नेता दीप सती ने कहा कि वे पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे लेकिन गलत कदम का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को इस्तीफा सौंप दिया है।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम की ओर से पिछले शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा कर दी गई। इसमें 22 उपाध्यक्ष, 31 महामंत्री, 98 सचिव के साथ साथ 243 सदस्य बनाए गए हैं। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने तुरंत ही पार्टी पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी और सोमवार को उन्होंने देहरादून कार्यालय जाकर इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद 2 और अन्य नेताओं ने भी अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं।
 


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Nitika

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