उत्तराखंड में पतंजलि योगपीठ की सहायता से खुलेंगे 2 आवासीय संस्कृत महाविद्यालय

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 02:28 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में राजभाषा संस्कृत उपेक्षा का शिकार हो जा रही थी। किसी भी सरकार ने संस्कृत को बचाने का प्रयास नहीं किया। राज्य सरकार ने भी अपने शुरुआती दिनों में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाने की कोशिश की लेकिन अब योग गुरु बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योगपीठ ने एक सराहनीय कदम उठाया है। 

शिक्षा मंत्री ने पतंजलि योगपीठ के कुलपति से की चर्चा 
सरकार राज्य में 2 हजार छात्रों की संख्या के 2 आवासीय संस्कृत महाविद्यालय बनाएगी। इन महाविद्यालय के संचालन के लिए पतंजलि योगपीठ की सहायता ली जाएगी। सचिवालय में शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय ने पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण के साथ मैराथन चर्चा की। 

राज्य में हो जाएंगे कुल 6 संस्कृत महाविद्यालय 
बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि एक आवासीय महाविद्यालय रुद्रपुर और एक पौड़ी में प्रस्तावित है। इन महाविद्यालय को धर्मार्थ आधार पर चलाया जाएगा। इसके लिए रुद्रपुर मे एएन झा इंटर कॉलेज को चुना गया है और पौड़ी में जमीन की तलाश की जा रही है। इनमें कक्षा एक से आचार्य श्रेणी तक पढ़ाई करवाई जाएगी। इस फैसले से राज्य में आवासीय संस्कृत महाविद्यालय की संख्या 6 हो जाएगी। 

शिक्षा मंत्री ने दी यह चुनौती 
इसके अतिरिक्त पतंजलि के साथ सहयोग को लेकर विपक्ष के स्तर पर सवाल उठाने की आशंका को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने एक चुनौती भी दी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई दूसरी संस्था पतंजलि से ज्यादा बेहतर और रियायती आधार पर इस प्रोजेक्ट को लेना चाहती है तो उसका भी स्वागत है। सरकार के द्वारा उस संस्था को यह जिम्मेदारी दे दी जाएगी। 
 

Nitika