बर्फीले तूफान की चपेट में आने से 5 बंगाली पर्यटकों की हुई मौत: पोर्टर

punjabkesari.in Sunday, Oct 24, 2021 - 03:04 PM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड के सुंदरढूंगा में लापता 5 बंगाली पर्यटकों की मौत हो गई है। यह बात बंगाली पर्यटकों के साथ गए पोर्टर सुरेश दानू, कैलाश दानू, तारा सिंह दानू तथा विनोद दानू ने कही। उन्होंने बताया कि वे 11 अक्टूबर को 5 पर्यटकों के साथ सुंदरढूंगा ग्लेशियर के दौरे पर गए। उनके साथ बाछम गांव रहने वाला गाइड खिलाफ सिंह भी था।

दानू ने बताया कि 12 अक्टूबर को पहले दिन वह जातोली पहुंचे। यहां से 13 अक्टूबर को कठेलिया की यात्रा पर निकले। और 14 को भारतोली पहुंचे और। उन्होंने बताया कि वे 15 को फिर भारतोली से वापस कठेलिया आ गए और 16 को सभी लोग बैलूनी टॉप की यात्रा पर गए। उन्होंने बताया कि 17 को जब वे कनखड़क पास जा रहे थे, तो शाम 4 बजे से मौसम अचानक खराब होने लगा और सभी लोगों ने यात्रा स्थगित कर वापस आने का फैसला किया। पोर्टर दानू ने आगे बताया कि 18 अक्टूबर कोे मौसम बेहद खराब हो गया और लगभग 13500 फीट की ऊंचाई पर अत्यधिक खतरनाक बर्फीला तूफान चलने लगा। बर्फीले तूफान में टेंट लगाना भी मुश्किल हो गया और सभी लोग बुरी तरह से भीग गए। उसने बताया कि बर्फीले तूफान के चलते सभी की हालत खराब होने लगी, लेकिन एक पर्यटक की तबीयत अधिक खराब हो गई।

पोर्टर पीड़ित को कुछ दूर तक कंधे पर उठा कर लाए। इसके बाद अन्य पर्यटकों की भी तबीयत बिगड़ने लगी। उस समय तक तक साढ़े 3 से 4 फीट बर्फ पड़ चुकी थी। गाइड खिलाफ सिंह इस दौरान पर्यटकों के साथ रहा। सुरेश दानू ने बताया कि जब पर्यटकों की तबीयत अधिक खराब होने लगी, तो गाइड ने कुछ पोर्टरों को आगे जाकर प्रशासन को सूचना देने को कहा। उसने बताया कि वे 20 अक्टूबर की रात को जातोली पहुंचे। और अगले दिन जब मौसम फिर ठीक हुआ तो वे वापस लौटे तो देखा कि सभी पर्यटकों की मौत हो चुकी थी। सभी के शव पड़े थे। पोर्टर दानू ने यह भी बताया कि गाइड खिलाफ सिंह लापता था। इसके बाद वे वापस लौट आए और प्रशासन को इस मामले की सूचना दी। इसके बाद प्रशासन कुछ हरकत में आया। दूसरी ओर इस प्रकरण से दुखी बाछम-खाती के 2 दर्जन ग्रामीण मौके के लिए रवाना हो गए।

ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली तो कुछ ग्रामीण पर्यटकों की मदद के लिए अगले दिन मौके की रवाना हो गए थे। गाइड खिलाफ सिंह के भाई आनंद सिंह ने बताया कि स्थानीय प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों ने उन्हें हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू का भरोसा दिलाकर वापस बुला लिया लेकिन आज तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने भी शासन-प्रशासन पर नकारापन का आरोप लगाते हुए बताया कि 20 से 25 ग्रामीणों की एक दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गया है। ग्रामीण गाइड के लापता होने को लेकर भी चिंतित हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी पर्यटकों की मौत की पुष्टि नहीं की गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने कहा कि शनिवार को भी तलाशी अभियान में कोई सफलता हाथ नहीं लगी। मौसम की खराबी के चलते हेलीकॉप्टर वापस लौट आया। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की एक पैदल टीम जातोली से आगे के लिए रवाना हो गई है।
 


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Nitika

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