पिता को जीवित बताकर बेटा हड़पता रहा पेंशन, 37 वर्षों बाद हुआ खुलासा

punjabkesari.in Sunday, Feb 25, 2018 - 05:08 PM (IST)

देहरादून(कुलदीप रावत): देश के सरकारी व्यवस्था में लापरवाही का खेल हैरान करने वाला हो चुका है। देहरादून में एक बेटा बैंक की आंखों में धूल झोंककर 1981 से मरे हुए अपने पिता को जीवित बताकर हर महीने मिलने वाली पेंशन की रकम को 37 साल से डकारता रहा। एक साल बाद अब इस मामले की जानकारी मिलते ही देहरादून के डालनवाला स्थित एसबीआई बैंक की मुख्य शाखा के एजीएम विनय खत्री द्वारा आरोपी यू.के सरकार नाम के व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली डालनवाला में इस मामलें को लेकर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया हैं। 

पिता की उम्र 100 साल होने पर खुला राज 
वन विभाग में नौकरी करने वाले कुमुद कांत सरकार नाम के व्यक्ति का जन्म 1899 में हुआ वह 1955 में वन विभाग में क्लर्क पद से रिटायर हो गए। इसके उपरान्त 1981 में उनकी मृत्यु हो गई। इसी दौरान 37 सालों तक उनका बेटा यू.के सरकार अपने पिता के नकली दस्तावेजों को दिखाकरबैंक से पेंशन लेता रहा। इस बात की जानकारी तब मिली, जब उसके पिता की उम्र 100 साल होने के उपरान्त दिल्ली चांदनी चौक स्थित एसबीआई बैंक हैैड अॉफिस ने देहरादून की मुख्य एसबीआई शाखा से पेंशनर कुमुद कांत सरकार की लाइव शारीरिक रिपोर्ट मांगी। बैंक अधिकारियों ने उसके घर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। अधिकारियों को कुमुद कांत सरकार के पोते ने बताया कि दादा जी की तो बहुत साल पहले 1981 में मृत्यु हो गई थी। 

धोखेबाज बेटे की शर्मनाक हरकत 
जानकारी मिलने के बाद बैंक अधिकारियों ने मृतक पिता की पेंशन डकारने वाले आरोपी बेटे को बैंक में बुलाया। इस पर बेटे ने कहा कि पेंशन बंद कर दो, मैं अभी नहीं आ सकता। समय लगेगा तो 6 मार्च के बाद आ जाऊंगा। इसके साथ ही बैंक अधिकारियों ने जब उससे पूछा कि उसने बैंक में पिता की मृत्यु की जानकारी क्यूं नहीं दी। इस पर भी बेटे ने कहा कि पेंशन बंद कर दो। इस बात से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी बैंक का आसानी से लाभ उठाकर आरोपी व्यक्ति 37 सालों तक धोखे देकर लाभ उठाता रहा। 

देश में पीएनबी बैंक घोटाले के बाद अन्य बैंक हुए सतर्क 
देश में पीएनबी घोटाले के बाद अन्य बैंक भी सतर्क होते दिखाई दे रहे है। बैंक द्वारा आरोपी के फर्जी दस्तावेजों की जांच करके सबूतों को इक्ट्ठा किया जा रहा है। इसके पश्चात कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकद्दमा दर्ज करवा दिया गया है।