डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी बोले- उत्तराखंड की ही तरह सभी सरकारें वापस लें धार्मिक स्थानों से अपना नियंत्रण

punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 05:51 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने अपनी ताजा घोषणा में उस बिल को वापस ले लिया है, जिसमें 51 मंदिरों पर नियंत्रण किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था। इस संबंध में राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बताया कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और अन्य सरकारों को भी ऐसा ही करना चाहिए।

डॉ. स्वामी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के बारे में अपनी स्पष्ट राय रखी। वीडियो शेयर करते हुए स्वामी ने कहा कि भाजपा की हमेशा से यही विचारधारा रही है कि मंदिरों का प्रबंधन भक्तों के हाथ में ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिरों का निर्माण कराने वाले या वहां पूजा करने वाले, जैसे चाहें इनका प्रबंधन करें, यह उनके हाथ में होना चाहिए और संविधान में इस संबंध में राज्यों को कोई अधिकार नहीं दिया गया है।

स्वामी ने आगे कहा कि धन संग्रह, रिकॉर्ड रखने, इनका सही से निवेश करने, खर्च करने जैसे कुछ ऐसे लोकतांत्रिक मामले हैं, जिनमें विशेष परिस्थितियों में गड़बड़ी पाए जाने के मामले में सरकार सबसे पहले लिखित में दिखाए जाने के बाद, अधिकतम चार वर्षों के लिए इस धन कुप्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए सहायता दे सकती है।

1925 में तमिलनाडु सरकार ने एक विधेयक का प्रस्ताव रखा और फिर ऐसा बाक़ी देश में होने लगा, लेकिन पूरे देश के लिए कोई केवल एक विधेयक नहीं है, जबकि हर राज्य के लिए विधेयक हैं। सभी राज्यों द्वारा अपनी पाबंदियां बनाई गई हैं। हालांकि, संविधान की प्रमुख बात यह है कि मंदिर पवित्र स्थान हैं, जहां पर किसी राज्य का पूर्ण या अस्थायी नियंत्रण नहीं हो सकता है।

इसी क्रम में राज्यसभा सांसद ने कहा कि दक्षिण भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिन पर सरकार का नियंत्रण है वहां के पुजारियों द्वारा मामले को अदालत ले जाने के बाद उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा, जिसके बाद स्वामी दयानंद सरस्वती ने हस्तक्षेप किया और फिर डॉ. स्वामी से इसमें दखल देने के लिए कहा। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां पर जीत हासिल करने के बाद कानून बना, जिसमें कहा गया कि सरकार मंदिरों पर काबू नहीं कर सकती।
 


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Content Writer

Diksha kanojia

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