पिथौरागढ़ः मॉनसून के दौरान भूस्खलन के कारण बारहमासी सड़क परियोजना हुई प्रभावित

punjabkesari.in Monday, Oct 03, 2022 - 02:43 PM (IST)

 

पिथौरागढ़ः मॉनसून के दौरान अक्सर और लंबे समय तक पड़े व्यवधानों के कारण बारहमासी सड़क परियोजना के तहत 150 किलोमीटर लंबा टनकपुर-पिथौरागढ़ खंड भारत-चीन सीमाओं के लिए निर्बाध संपर्क (कनेक्टिविटी) प्रदान करने और रक्षा उपकरणों के सुचारू परिवहन के अपने मूल उद्देश्य को पूरा नहीं कर सका है।

अधिकारियों ने कहा कि यह सड़क उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी बारहमासी सड़क परियोजना का हिस्सा है, जो पिछले दो वर्षों में मानसून के दौरान भूस्खलन के कारण 300 से अधिक बार बंद हुई है। चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) मनोज पांडे ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर यह खंड 2022 में 55 दिनों के लिए 350 घंटे और 2021 में 110 दिनों के लिए 545 घंटे बंद रहा।''

पिथौरागढ़ में पड़ने वाला हिस्सा अवरुद्ध
पिथौरागढ़ के डीडीएमओ बीएस महार ने बताया कि सड़क का पिथौरागढ़ में पड़ने वाला हिस्सा मंगलवार से अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इस मॉनसून में कई बार यह मार्ग अवरुद्ध हुआ है। परियोजना के इस हिस्से के प्रभारी, कार्यकारी अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि यह सड़क बारहमासी तभी हो सकती है जब भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में खास उपाय किये जाएंगे और चल्थी में 167 मीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। गौरतलब है कि 2016 में मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे की स्थिति में सुधार, चारधाम तीर्थयात्रियों की सुविधा और उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस परियोजना का उद्घाटन किया गया था। महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के टनकपुर-पिथौरागढ़ खंड के जिन तीन हिस्सों में भूस्खलन हुआ है, उनका प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से उदघाटन किया था। कुमार ने कहा कि बनलेख से टनकपुर तक सड़क के चौथे हिस्से का अभी तक उदघाटन नहीं हुआ है क्योंकि चल्थी में एक पुल निर्माणाधीन है।

मार्ग बंद रहने से आवश्यक वस्तुओं की किल्लत
पिथौरागढ़ जिला व्यापारी संघ के अध्यक्ष पवन जोशी ने कहा कि दो दिन भी मार्ग बंद रहने से आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो जाती है। टनकपुर-पिथौरागढ़ खंड कुमाऊं क्षेत्र से गुजरने वाली बारहमासी परियोजना का एकमात्र हिस्सा है। बारह हजार करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना पर कार्य 2017 में शुरू हुआ था। अधिकारी ने कहा कि यह कार्य 2019 तक पूरा होने वाला था, लेकिन भूस्खलन और दो साल तक कोविड महामारी के कारण मजदूरों की अनुपलब्धता रहने के कारण सड़क के निर्माण का काम पूरा होने में लगातार देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि देरी का एक अन्य कारण चल्थी में निर्माणाधीन पुल है, जिसके अगले साल मार्च तक पूरा होने की संभावना है।

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Nitika