तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब केवल 24 घंटे में पहुंचा जा सकेगा दिल्ली से बद्रीनाथ

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 01:00 PM (IST)

नई दिल्ली/देहरादूनः भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की सामरिक महत्व की लाइन पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस लाइन के बनने से दिल्ली से 24 घंटे में बद्रीनाथ पहुंचा जा सकेगा। इससे दिल्ली से बद्रीनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा मिलेगी।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि योग नगरी ऋषिकेश से वीरभद्र के बीच करीब पौने 6 किलोमीटर का खंड बनकर लगभग तैयार हो गया है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी, लछमोली और श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर बड़े रेल पुलों का निर्माण तेजी से जारी है। ऋषिकेश में एक उपरिगामी सेतु और अंडरपास बन कर तैयार हो चुका है जबकि श्रीनगर, गौचर और सिवाई पर भी पुल बनाने का काम शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125.20 किलोमीटर लंबी लाइन की लागत 16 हजार 216 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस लाइन का 84 प्रतिशत हिस्सा यानी 105.47 किलोमीटर सुरंगों का होगा। लगभग 98.54 किलोमीटर लंबी समानान्तर एस्केप सुरंगें बनाईं जाएंगी। सबसे लंबी सुरंग 15.10 किलोमीटर लंबी होगी। इस लाइन पर 17 बड़े पुल होंगे, जिनमें 4 पुल गंगा या अलकनंदा पर होंगे।

वहीं अधिकारियों ने बताया कि पूरा काम 9 पैकेज में बांटा गया है। पैकेज-2 में 25 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाने और पैकेज-5 में 11 किलोमीटर की सुरंगें बनाने के ठेके दिए जा चुके हैं और काम भी शुरू हो चुका है। पैकेज-1, 3, 6, 7ए, 7बी, और पैकेज-9 के लिए निविदाएं आमंत्रित की गयीं हैं और एक माह में खुल जाएंगीं। बाकी बचे दौ पैकेजों के लिए भी जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इस लाइन का निर्माण 2025 के पहले पूरा करने का लक्ष्य है। अधिकारियों के अनुसार पूर्ण रूप से विद्युतीकृत इस लाइन पर यात्री गाड़ी 100 किलोमीटर प्रतिघंटा तथा मालगाड़ी 65 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ सकेंगी। इस लाइन के बनने से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की दूरी लगभग 2 से ढाई घंटे में तय हो सकेगी, जिसे सड़क मार्ग से तय करने में 5 से 6 घंटे लगते हैं।

बता दें कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 173 किलोमीटर है जबकि रेल लाइन से यह दूरी केवल सवा सौ किलोमीटर की रह जाएगी। इस रेलसेवा के आरंभ होने से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को बहुत लाभ होगा। कर्णप्रयाग से लगभग 4 घंटे में बद्रीनाथ पहुंचा जा सकेगा। इससे यात्रा समय में कमी आएगी। चूंकि बद्रीनाथ के निकट माना भारतीय सीमा में अंतिम गांव है। यहां चीन की सेना की घुसपैठ की घटनाएं अक्सर होती रहतीं हैं। माना में सेना एवं भारत तिब्बत सीमा बल की बड़ी चौकियां भी हैं। आपात स्थिति में इस रेलवे लाइन से आवश्यक रसद, हथियार एवं गोला बारूद त्वरित गति से पहुंचाना संभव होगा।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Nitika

Recommended News

Related News

static