विधानसभा सत्रः हंगामे के बीच चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक पेश, सरकार बातचीत को तैयार

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 11:51 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में राज्य सरकार ने विपक्षी कांग्रेस के भारी हंगामे और शोर-शराबे के बीच विधानसभा में ‘चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक' पेश कर दिया। हालांकि, राज्य सरकार के प्रवक्ता और संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विपक्ष और तीर्थ पुरोहित अपना मत रखें, सरकार उनसे बातचीत के लिए खुले मन से तैयार है।

जानकारी के अनुसार, इससे पहले इस विधेयक को वापस लेने की मांग पर अडे़ कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी और पूरा प्रश्नकाल उसकी भेंट चढ़ गया। हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने भोजनावकाश के बाद 45 मिनट के लिए निर्धारित कामकाज निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। पूर्वाहन 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश की अगुवाई में कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए और सदन के सदस्यों को विश्वास में लिए बिना चुपचाप उत्तराखंड चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक को पारित करवाने की राज्य सरकार की मंशा को लेकर सवाल खडे़ करने लगे।

इंदिरा हृदयेश ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को इस विधेयक पर आपत्ति है और हमें भी इसके प्रावधानों के बारे में अंधेरे में रखा गया है। जब हमने प्रस्तावित विधेयक की प्रति मांगी तो हमें बताया गया कि विधानसभा के पटल पर रखे जाने के बाद ही यह दस्तावेज हमें दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को वापस ले या सदन की स्थायी समिति के हवाले करे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने को कहते रहे लेकिन प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करण माहरा, हरीश धामी समेत कांग्रेस के अन्य सदस्य विधेयक वापस लिये जाने की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए उनके आसन के सामने आ गए। कुछ देर बाद कांग्रेस के सदस्य नारे लगाते हुए आसन के सामने ही धरने पर बैठ गए। अपने स्थानों पर बैठने के बार-बार आग्रह को विपक्षी सदस्यों द्वारा अनसुना किए जाने के बाद प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही पहले साढे 11 बजे तक, फिर 12 बजे और बाद में 12 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।

वहीं सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर कुछ देर कामकाज निपटाने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने फिर अपनी मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और इसी बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस विधेयक को पेश कर दिया। विधेयक के उद्देश्य और कारणों के बारे में कहा गया है कि राज्य में स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों का कायाकल्प किया जाना आवश्यक है। इसलिए जम्मू-कश्मीर में स्थापित वैष्णों देवी माता मंदिर, साईं बाबा, जगन्नाथ और सोमनाथ मंदिरों की तरह उत्तराखंड में स्थित मंदिरों और श्राइन के लिए विधेयक लाया जाना आवश्यक है। विधेयक में कहा गया है कि राज्य के मंदिरों के कायाकल्प के लिए यह विधेयक एक 'मील का पत्थर' साबित होगा।


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Nitika

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