मुख्यमंत्री ने ली राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक

punjabkesari.in Tuesday, Oct 24, 2017 - 07:00 PM (IST)

देहरादून (कुलदीप रावत): मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की। उन्होंने बैठक में कई योजनाओं में खर्च की धीमी रफ्तार पर नाराजगी व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने विभाग अधिकारियों को खर्च की रफ्तार बढ़ाते हुए कार्यो में गति लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तीन माह में कार्य में अपेक्षित प्रगति लाने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम सिर्फ कागजों पर नही बल्कि धरातल पर दिखने चाहिए। विशेष रूप से मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के खर्च में तेजी लाने के निर्देश दिए।

विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के आधार लिंक कार्यक्रम हेतु जनपदों में अधिकारियों-कर्मचारियों को लक्ष्य देने के निर्देश दिए। प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 99.28 प्रतिशत श्रमिकों के खातों की आधार से लिंकिग हो गई है परन्तु अभी केवल 69 प्रतिशत सक्रिय श्रमिकों को बैंक से भुगतान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने मनरेगा भुगतान प्रक्रिया में जल्द से जल्द सभी जाॅब कार्ड धारकों के आधार को उनके बैंक खातों से जोड़ते हुए 100 प्रतिशत आधार आधारित भुगतान सुनिश्चित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक हर तीन माह में नियमित रुप से आयोजित की जाएगी। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सितम्बर 2017-18 तक कुल 1416 स्वीकृत कार्यों के सापेक्ष 983 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। कुल 11 हजार 143 कि.मी. सड़क के लक्ष्य के सापेक्ष 8123 कि.मी. सड़क निर्मित हो चुकी है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में कुल 85 करोड़ 18 लाख रूपए के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31.4 करोड़ रूपए व्यय हुए है। स्वच्छ भारत मिशन में 159 करोड़ के सापेक्ष 60.66 करोड़ रूपए का व्यय तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना में 287.85 करोड़ रूपए के सापेक्ष 49 करोड़ का व्यय बताया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश के क्रम में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष ग्राम्य विकास मंत्री होते है। समिति में राज्य के चार लोकसभा सदस्यगण, एक राज्य सभा सदस्य, राज्य सरकार द्वारा नामित पांच विधायकगण भी सदस्य होते है।