सीएम आर्थिक परिचर्चा में हुए शामिल, कहा- इससे राज्य के विकास को मिलेगा लाभ

punjabkesari.in Wednesday, Mar 14, 2018 - 12:34 PM (IST)

देहरादून(कुलदीप रावत): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में उत्तराखंड सरकार और वर्ल्ड हिन्दू इकोनाॅमिक फोरम के तत्वावधान में उद्यमियों और विषय विशेषज्ञों के साथ आयोजित आर्थिक परिचर्चा में शामिल हुए। उन्होंने परिचर्चा में भाग लेने वाले विषय विशेषज्ञों और उद्यमियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस परिचर्चा से राज्य में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, आईटी, कृषि आदि के क्षेत्र में हुए मंथन का लाभ राज्य को मिलेगा तथा विकास के प्रति हमारी सोच को नया दायरा मिलेगा। ग्लोबल विलेज के इस दौर में हमें अपनी पहचान बनाने में भी मदद मिलेगी। 

देवभूमि में सड़क, रेल और वायु परिवहन सेवाओं का बेहतर होना आवश्यकः सीएम 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ के कपाट खुलने और बन्द होने के समय 2 बार केदारनाथ आए। उनकी सोच स्पष्ट है कि दुनिया के 120 करोड़ हिन्दू उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आना चाहते है। इसके लिए इस देवभूमि में सड़क, रेल और वायु परिवहन सेवाओं का बेहतर होना आवश्यक है, इसी दिशा में उन्होंने 12 हजार करोड रूपए आॅल वेदर रोड, 13 हजार करोड रूपए भारतमाला योजना तथा 1600 करोड रूपए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए स्वीकृत किए है, जिस पर कार्य तेजी से किया जा रहा है। 

उत्तराखंड सदियों से साधकों मनीषियों और पर्यटको के अाकर्षण का केन्द्रः सतपाल महाराज 
इसके अतिरिक्त अपने सम्बोधन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड सदियों से साधकों मनीषियों और पर्यटको के आर्कषण का केन्द्र रहा है। राज्य में गढ़वाल और कुमाऊं में 24 धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाए जा रहे है। चारधाम पैदल यात्रा मार्ग की हजारों साल पुरानी परम्परा की शुरूआत की जा रही है। इससे हमारे पड़ाव और चट्टियों को पुनर्जीवित करने तथा पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकल खान-पान और ट्राईवल दूरिज्म को भी बढ़ावा दिए जाने की योजना हमारी है। 

राज्य के तीव्र विकास के लिए दिए गए सुझाव 
सीएम के सामने वल्र्ड हिन्दू इकोनाॅमिक फोरम के प्रतिनिधियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उत्तराखंड में पर्यटन, तीर्थाटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, योग, आयुर्वेद आदि के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाओं पर चर्चा की। उत्तराखंड में प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों के सौन्दर्यीकरण, पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों आधुनिक और जैविक कृषि को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोड कनेक्टिवी को मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई। राज्य के तीव्र विकास के लिए आईटी, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूत बनाने के सुझाव दिए गए।