नैनीतालः CM रावत ने जनता को करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं की दी सौगात

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2019 - 11:15 AM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनता को करोड़ों रुपए के विकास योजनाओं की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने नैनीताल, रामनगर, बेतालघाटा और ओखलकांडा में लगभग 184 करोड़ रुपए की लागत की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। वहीं भीमताल में भीमताल लेक कार्निवाल का उद्घाटन भी किया।

जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रविवार को नैनीताल दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। वह सबसे पहले देहरादून से भीमताल पहुंचे। वहां उन्होंने भीमताल में लेक कार्निवाल का उद्घाटन किया और कहा कि लेक कार्निवाल राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगा। इसके बाद सीएम सीधे नैनीताल कमिश्नरी पहुंचे और यहां लगभग 88 करोड़ की लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। उन्होंने नैनीताल जिला प्रशासन की ओर से तैयार किये गये संतुष्टि, तृप्ति एवं सूद पोटर्ल का भी शुभारंभ किया। नैनीताल के मुख्य नालों पर नजर रखने के लिये रियल टाइम मोनिटरिंग सुपरविजन केन्द्र, बेतालघाट एवं ओखलकांडा टेलीमेडिसिन योजना और मातृत्व एवं शिशु विकास योजना के तहत तैयार 8 प्रसव केन्द्र एवं 4 आशाघरों का शुभारंभ किया।

कमिश्नरी से त्रिवेन्द्र सिंह रावत सीधे नैनीताल के फ्लैट्स मैदान पहुंचे। उन्होंने यहां नैनीताल की नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया और अन्य जन प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की। नैनीताल में नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष के अलावा अन्य पदाधिकारियों को शपथ दिलाने के लिए पहली बार फ्लैट्स मैदान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रामनगर में 95 करोड़ से अधिक लागत की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिनमें लगभग 45 करोड़ की लागत से तैयार हुई 12 विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा 50 करोड़ 69 लाख रूपए की लागत से 27 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने कोसी नदी पर बने पुल का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में पुलों का निर्माण का काम बाधित हो गया था। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड़ में निर्मित होने वाला यह राज्य का पहला पुल है। उन्होंने यह भी कहा कि ढेला रामनगर के ढेला के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को ईको सेंसटिव जोन से बाहर किया गया है।
 

Nitika