...तो इसलिये सीएम ने कहा, पहले मेरी तस्वीर वाले पोस्टर हटा

punjabkesari.in Sunday, Jan 21, 2018 - 03:47 PM (IST)

देहरादून/टीम डिजिटल। यह अंदर की बात है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को अचानक यह इहलाम क्यों हो गया कि उनकी तस्वीरों वाले पोस्टरों से शहर पटा पड़ा है। इन पोस्टरों को हटा देना चाहिये। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यह कहकर सबको चौंका दिया कि सबसे पहले मेरी तस्वीर वाले पोस्टर हटाओ। माना यह गया कि शहर में होर्डिंग्स व पोस्टरों का जो अवैध अतिक्रमण है, उसके लिए मुख्यमंत्री ने बड़ा व कड़ा कदम उठाया है, लेकिन राज से पर्दा अब उठने लगा है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कांग्रेस द्वारा जारी बहुप्रचारित दस मुख वाले पोस्टर से घबराकर एहतियातन यह ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने जिस समय यह घोषणा की, उस समय वह सचिवालय में शहरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। जैसे ही अतिक्रमण का मुद्दा छिड़ा त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पोस्टर हटाओ अभियान को पकड़ लिया और वहीं डटे रहे। 
आका का आदेश था, तो नगर निगम की टीम पुलिस को साथ लेकर शनिवार को पोस्टर हटाओ अभियान में जुटी रही। भाजपा और कांग्रेस के जानकार बताते हैं कि  29 जनवरी को कांग्रेस की बाइक रैली होनी है। इस रैली के लिए करीब आधा दर्जन पोस्टर बनवाये गये हैं। इन पोस्टरों में से एक पोस्टर काफी विवादित है।

 

सूत्रों का कहना है कि इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह दिखने वाले एक व्यक्ति के दस मुख दिखाये गये हैं। उस व्यक्ति के एक मुंह में ट्रांसपोर्टर को अंदर जाते, दूसरे मुंह में किसान को अंदर जाते हुए और इसी तरह दसो मुंह में किसी न किसी को अंदर जाते हुए दिखाया गया है। ऐसा लग रहा है कि दस मुंह वाली वह तस्वीर सब कुछ निगल जाना चाहती है। चूंकि पोस्टर वाली तस्वीर का चेहरा पीएम के चेहरे से मिलता है, इस कारण भाजपा आग बबूला है और सतर्क भी।

कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान यह बात मानी  भी है कि एक प्रतीकात्मक पोस्टर बनाया गया है, उन्हें सही वक्त और सही स्थान पर जारी किया जाएगा। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी का कहना है कि इस पोस्टर का पीएम मोदी या भाजपा के किसी भी नेता से कोई लेना देना नहीं है। यह देश के वर्तमान हालात को दर्शाने वाला पोस्टर है।