कंधे पर शव ढोने के मामले में सीएमएस ने माना, इमरजेंसी में तैनात कर्मियों से हुई चूक

punjabkesari.in Monday, May 07, 2018 - 06:37 PM (IST)

देहरादून: दून अस्पताल से भाई की लाश को कंधे पर रखकर घर जाने के मामले में चार दिन बाद पहली बार सीएमएस ने माना कि उनके कर्मचारियों ने गलती की है। सोमवार को इस बारे में पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स ने जब जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने यह बात स्वीकार की। हालांकि उनका कहना है कि इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक स्तर से जांच चल रही है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर धामपुर निवासी पंकज के भाई सोनू की बीते गुरुवार सुबह दून अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 

 

पंकज अपने भाई के शव को लेकर वापस धामपुर जाना चाहता था। उसके पास एम्बुलेंस के लिए पैसे नहीं थे। इस पर उसने दून अस्पताल की एम्बुलेंस मांगी थी। इस पर एम्बुलेंस चालक ने 5 हजार रुपये की मांग की। इस पर पंकज ने 108 सेवा से भी सम्पर्क किया, लेकिन उन्होंने भी लाश ढोने से इंकार कर दिया था। तब पंकज छोटे भाई का शव कंधे पर उठाकर घर की ओर चल दिया था। हालांकि, अस्पताल गेट से बाहर आने पर कुछ लोगों ने आपसी मदद से वाहन की व्यवस्था की थी। 

 

इस खबर के मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया। उसी दिन उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को शाम तक जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए थे। हालांकि, स्वास्थ्य सचिव की रिपोर्ट से सन्तुष्ट न होने पर उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने को कहा है। अब अस्पताल प्रशासन फजीहत से बचने के लिए घटना वाले दिन अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात स्टाफ की गलती स्वीकार रहा है। सीएमएस डॉ. केके टम्टा ने बताया कि मामले में जांच चल रही है। ऐसे में वह फिलहाल कार्रवाई के बारे में कुछ नहीं कह सकते। 

 

अब ठीक हुईं टूटी स्ट्रेचर 
मीडिया में खबरें छपने के बाद कई सालों से खराब पड़ी स्ट्रेचर को दून प्रशासन ने ठीक करवा दिया है। अस्पताल के इमरजेंसी के 16 स्ट्रेचर के व्हील टूटे हुए थे। मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इन स्ट्रेचरों के सही करवा दिया है।

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