मंत्री धन सिंह रावत की फटकार के बाद कॉपरेटिव बैंकों ने वसूला 1 अरब 22 करोड़ 24 लाख का NPA

punjabkesari.in Thursday, Feb 25, 2021 - 01:59 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की फटकार का परिणाम है कि 11 कॉपरेटिव बैंकों ने 23 फरवरी 2021 तक 1 अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपए एनपीए वसूला है। पहला नंबर पर डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक टिहरी गढ़वाल ने हासिल किया है।
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बता दें राज्यभर में सहकारी बैंकों से लोन लेने के पश्चात बैंक बकायेदारों से कर्जा वसूली करने में नाकाम साबित हो रहा था और यह आंकड़ा लगभग 600 करोड़ के लगभग पहुंच गया था इसके बाद सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के द्वारा एनपीए वसूली को लेकर अभियान छेड़ा गया इस मामले में जो भी बैंक अधिकारी कर्मचारी लापरवाही करता हुआ प्रतीत हुआ तो उस पर विभागीय कार्रवाई का दबाव बनाया गया, जिसके चलते सभी बैंक अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा घर-घर जाकर एनपीए वसूली का अभियान छेड़ा गया अब तक एनपीए वसूली में टिहरी गढ़वाल सबसे ज्यादा वसूली करके नंबर एक पर है।

- डीबीबी टिहरी 21 करोड़ 24 लाख
- डीसीबी देहरादून 15 करोड़ 82 लाख
- राज्य सहकारी बैंक 15 करोड़ 60 लाख
- डीसीबी हरिद्वार 9 करोड़ 59 लाख 48 हजार
- डीसीबी उत्तरकाशी 8 करोड़ 97 लाख 95 हजार
- डीसीबी चमोली 8 करोड़ 97 लाख 63 हजार
- डीसीबी गढ़वाल कोटद्वार 8 करोड़ 39 लाख 61 हजार
- सीबी पिथौरागढ़ 6 करोड़ 34 लाख 14 हजार
- डीसीबी नैनीताल 2 करोड़ 70 लाख 55 हजार
- डीसीबी अल्मोड़ा 2 करोड़ 28 लाख 93 हजार
- डीसीबी उधमसिंहनगर 1 करोड़ 76 लाख 54 हजार रुपए वसूले हैं।

इसमें डीसीबी उत्तरकाशी, डीसीबी चमोली में मात्र 32 हजार का एनपीए वसूली का अंतर चला रहा है। राज्य के कॉपरेटिव मिनिस्टर डॉ. धन सिंह रावत ने बार-बार समीक्षा बैठक बुला कर एनपीए वसूलने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया था। इस अभियान के अंतर्गत 40 करोड़ 93 लाख रुपए बैंकों का डूबा हुआ पैसा वापस आ गया है। 23 फरवरी 21 तक कुल 1 अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपए एनपीए वसूली हुआ है। जो 15.36 प्रतिशत है। राज्य में बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों, कॉपरेटिव के कर्मचारियों, अधिकारियों का सघन वसूली अभियान जारी है।
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राज्य सहकारी बैंक का एनपीए 1 अरब 86 करोड़ 3 लाख है। 10 डिस्टिक कॉपरेटिव बैंको का एनपीए 4 अरब 89 करोड़ 28 लाख रुपए है। इसमें एक अरब 22 करोड़ 24 लाख रुपए वसूली हो गया है। मंत्री की कड़ी निगरानी और तमाम समीक्षा बैठको से बैंकों के चेयरमैन और सचिव/महाप्रबंधकों ने जमीन पर गति लाई।
 


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Nitika

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