उत्तराखंड के मुख्य सचिव सहित 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों को अवमानना नोटिस जारी

punjabkesari.in Friday, Aug 14, 2020 - 03:21 PM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश सहित 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों को अवमानना नोटिस जारी किया गया। कोर्ट के पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने के मामले में नोटिस जारी किए गए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संवैधाानिक प्रक्रिया के तहत अभी नोटिस जारी नहीं किया गया है। जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया गया है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा एवं भुवन चंद्र खंडूरी शामिल हैं। देहरादून की गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केन्द्र (रलेक) की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की अदालत में शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत धारा 361 के तहत उन्हें नोटिस जारी किया गया है। नोटिस अवधि खत्म होने के पश्चात उनके खिलाफ भी अवमानना याचिका दायर की जा सकेगी। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से उच्च न्यायालय के 03 मई 2019 के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रमेश रगंनाथन की अगुवाई वाली खंडपीठ की ओर से पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाले आवास एवं अन्य सुविधाओं को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था तथा सभी को 6 महीने के अंदर आवास किराया एवं अन्य मदों का भुगतान बाजार दर पर करने के निर्देश दिए थे।

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सरकार की ओर से भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। गुप्ता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को भी मामले में पहले पक्षकार बनाया गया था लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उन्हें इससे अलग कर दिया गया। गुप्ता ने बताया कि अदालत ने सभी पक्षकारों से पूछा है कि क्यों नहीं सभी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही अमल में लाई जाए। अदालत ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को देहरादून के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से सभी पक्षकारों को नोटिस सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। मामले में 4 सप्ताह बाद सुनवाई होगी। युगलपीठ ने रलेक की ओर से 2010 में दायर जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित करने के बाद ये आदेश जारी किए थे।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री आवास आवंटन, नियमावली 1997 उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर लागू नहीं होती है। सरकार की ओर से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किए गए हैं, जो कि गलत है। याचिकाकर्ता की ओर से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार दर पर किराया वसूलने की मांग की थी।
 

Nitika