हक-हकूकों के विवाद के बीच केदारनाथ के रावल ने दिया विवादित बयान, हो रही आलोचना

punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2019 - 11:28 AM (IST)

रुद्रप्रयागः केदारनाथ मंदिर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में हकहकूकों को लेकर हो रहे विवाद के बीच केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसकी चौतरफा आलोचना हो रही है।

जानकारी के अनुसार, केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पिछले महीने कुछ अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा ताम्रपत्र रखे जाने के बाद मंदिर पर हक-हकूकों की जंग छिड़ गई। ताम्रपत्रों के द्वारा ओंकारेश्वर मंदिर पर कई गांवों के हक-हकूकों का हवाला दिया गया। वहीं गुरुवार को केदारनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आने से पहले भले ही विवाद बढ़ता देख प्रशासन ने आनन-फानन में मंदिर में रखे गए सभी ताम्रपत्रों को हटा दिया।

इसके बावजूद भी केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने जो विवादित बयान दिया उसकी सोशल मीडिया पर चौतरफा आलोचना हो रही है। ताम्रपत्रों को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया हैं। उधर मंदिर के अंदर ताम्रपत्र रखने वालों के खिलाफ पिछले ही महीने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने पुलिस में नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी लेकिन पुलिस ने भी इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

बता दें कि रावल भीमाशंकर लिंग ने कहा था कि अगर प्रशासन ताम्रपत्रों को नहीं हटाती है तो वह केदारनाथ की पंचमुखी डोली को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे है कि आखिर जिस भीमाशंकर लिंग के पास पूरी केदारनाथ मंदिर की जिम्मेदारी दी गई है क्या वह भगवान केदारनाथ से बड़ा हो गया, जो डोली को मंदिर में आने से रोक लगा सकता है।


 


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