धामी के नानकमत्ता गुरुद्वारा जाने से उपजा विवाद हुआ समाप्त, प्रबंधन कमेटी ने दिया इस्तीफा

punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 12:48 PM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब जाने के बाद उपजे विवाद का पटाक्षेप बुधवार को गुरुद्वारा की प्रबंधन कमेटी के इस्तीफा देने के साथ हो गया।

नई कमेटी के गठन तक गुरुद्वारा प्रबंधन का कार्यभार संभालने के लिए कार्यवाहक कमेटी का गठन किया गया है। नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। अमृतसर स्थित शिरोमणि अकाल तख्त साहिब की ओर से भेजी गई 3 सदस्यीय कमेटी के समक्ष सर्वसम्मति से यह अंतिम निर्णय लिया गया है। नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के निवर्तमान प्रधान एवं मुख्य सेवादार सेवा सिंह ने बताया कि पूरे मामले का सुखद अंत हो गया है और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से इस्तीफा देने के बाद फिलहाल नई प्रबंध समिति का गठन कर दिया गया है। नई कमेटी में सरदार जरनैल सिंह, सरदार सुखदीप सिंह उर्फ लाडी, सरदार जसवीर सिंह, सरदार अमरजीत सिंह और सरदार कुलदीप सिंह को शामिल किया गया है।
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दरअसल विवाद तब पैदा हुआ जब धामी 24 जुलाई को नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा आए थे। मुख्यमंत्री उधमसिंह नगर जिले के खटीमा के निवासी है और वह 23 जुलाई को जिले के 3 दिवसीय दौरे पर आए थे। इसी दौरान वह 24 जुलाई को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब गए। इस दौरान उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। आरोप है कि इस दौरान गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में कुछ परंपराओं का निर्वहन नहीं किया गया। मुख्यमंत्री के दौरे से जहां अखंड गुरुवाणी के पाठ में विघ्न उत्पन्न हुआ वहीं यह भी आरोप है कि उनके स्वागत में नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जो कि गुरुद्वारा की परंपराओं के खिलाफ है। यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री को इस दौरान चांदी का मुकुट पहनाया गया जो कि गुरुद्वारे की परंपराओं के अनुसार अभी तक नहीं हुआ है।

इस मामले की भनक जब अमृतसर स्थित अकाल तख्त साहिब को लगी तो उसने मामले की जांच के लिए एक 3 सदस्यीय कमेटी को मंगलवार को उत्तराखंड के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब भेजा। 3 सदस्यीय कमेटी ने बीती देर रात तक गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सभी सदस्यों से बातचीत की गई और वस्तुस्थिति का पता लगाया। इसी के बाद पूर्वाह्न 11 बजे गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमें 27 में से 24 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि विवाद के हल के लिए पुरानी प्रबंधन कमेटी इस्तीफा देगी। बैठक के दौरान पुरानी कमेटी ने पहले इस्तीफा दिया और उसके बाद एक नई 5 सदस्यीय कार्यवाहक कमेटी का गठन किया गया, जो कि नई गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के गठन तक गुरुद्वारा का काम संभालेगी।
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सिंह ने बताया कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वह गलत हैं। मुख्यमंत्री धामी के दौरे से किसी प्रकार की परंपराओं का उल्लंघन नहीं हुआ है। इस दौरान जब कथा वाचन हो रहा था तो काफिले में आए कुछ लोगों की ओर से सेल्फी ली गई। इसी को लेकर विवाद उपजा और यह मामला अकाल तख्त साहिब तक पहुंच गया।


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Nitika

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