पिथौरागढ़ः वनाग्नि को रोकने के लिए सेना और अर्द्ध सैनिक बलों का सहयोग

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2022 - 03:59 PM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में जंगल की आग (वनाग्नि) पर काबू पाने के लिए सेना और अर्द्धसैनिक बलों का भी सहयोग लिया जाएगा। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की सेना, अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में आग पर काबू पाने के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्र में तैनात सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का भी सहयोग लेने का निर्णय लिया है।

जिला अधिकारी आशीष चौहान ने इसके लिए ब्लॉ़क, तहसील और जिलास्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। आग पर काबू पाने के लिए सेना, आईटीबीपी, एसएसबी, पुलिस तथा पीआरडी के जवानों का भी सहयोग लिया जाए। साथ ही वन महकमे को बेहतर समन्वय व तालमेल के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वन संपदा की निगरानी की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, ग्राम प्रहरी, ग्राम विकास अधिकारी तथा राजस्व उपनिरीक्षक को दी गई है। जिला प्रशासन ने आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बेहद सख्त रूख अपनाया हैं।

जिलाधिकारी चौहान ने आग लगाने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश वन, राजस्व व पुलिस महकमे को दिए हैं। पिथौरागढ़ के सौड लेक के जंगल में आग लगाने वाले एक व्यक्ति की पहचान कर उसके खिलाफ तत्काल मामला दर्ज कर लिया गया। उत्तराखंड में आग की घटनाओं में लगातार इजाफा होता जा रहा है। प्रदेश में रविवार शाम तक आग की 1123 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे 1697.95 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। लगभग 46.13 लाख का नुकसान वन विभाग को उठाना पड़ा है।

कुमाऊं मंडल की बात करें तो यहां अभी तक 589 घटनाएं आग की रिपोर्ट की गई हैं। लगभग 1008 हेक्टेअर जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है। साथ ही 28 लाख रुपए का नुकसान अभी तक विभाग को उठाना पड़ा है। अकेले पिथौरागढ़ जनपद में आग लगने की 135 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 214.75 हेक्टेयर वन आग की भेंट चढ़ चुका है और 5.6 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से सटे धनोड़ा के जंगल में रविवार रात को भीषण आग लग गई। जिलाधिकारी आशीष चौहान प्रभागीय वनाधिकारी कोको रोसो के साथ खुद मौके पर गए और 2 घंटे तक आग से जूझते रहे। आखिर तक जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
 

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Nitika