अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुष्कर सिंह धामी ने मुकदमा ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट' में चलाने का दिया आश्वासन

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 11:01 AM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए मुकदमा ‘फास्ट ट्रैक' अदालत में चलाने का आश्वासन दिया। वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से मिली अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट अंकिता के परिजनों को दिखाई गई। पुलिस उप महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने घटनास्थल पहुंचकर उसका गहनता से निरीक्षण किया और साक्ष्य इकट्ठे किए।

शारदीय नवरात्र के पहले दिन नंदा गौरा योजना के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बेटियों के साथ इस तरह की घटना सबके मन में क्रोध पैदा करती है और घटना के दोषियों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा।'' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अंकिता की हत्या के दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी, जो इस प्रकार के घृणित अपराध करने वालों के लिए एक नजीर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकरण की तेजी से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है और इसमें संलिप्त लोगों को शीघ्रता से सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय से मामले के लिए ‘फास्ट ट्रैक' अदालत गठित करने का अनुरोध किया जाएगा।

पौड़ी जिले के यमकेश्वर के गंगा भोगपुर में वनतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता की कथित रूप से रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य, ने अपने दो कर्मचारियों, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धकेल कर हत्या कर दी थी। इससे पहले, अंकिता की गुमशुदगी के मामले में 23 सितंबर को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिन्होंने पूछताछ में उसकी हत्या की बात स्वीकार की। आरोपियों की निशानदेही पर अंकिता का शव 24 सितंबर को चीला नहर से बरामद किया गया। मुख्य आरोपी पुलकित हरिद्वार के पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है। विनोद पूर्व में दर्जाधारी राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। दूसरी ओर, पौड़ी के अपर पुलिस अधीक्षक शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि अंकिता के शव की अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट एम्स, ऋषिकेश से प्राप्त कर उसके परिजनों को दिखा दी गई है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि उस रिपोर्ट में क्या है। इससे पहले, प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले अंकिता के साथ मारपीट किए जाने की बात सामने आई थी जबकि मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया था।

गौरतलब है कि रविवार को अंकिता के परिजनों ने अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट न आने तक उसकी अंत्येष्टि न करने की बात कही थी। अंकिता के लिए इंसाफ मांग रहे स्थानीय लोगों ने भी रविवार को कई घंटे तक ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था। मुख्यमंत्री के मामले में कडी कार्रवाई करने का आश्वासन देने पर शाम को अंकिता के परिवार ने अलकनंदा नदी के तट पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अंकिता की मां सोनी देवी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया। देवी ने कहा कि उन्हें अंतिम बार अपनी पुत्री का मुंह भी नहीं देखने दिया गया। देवी ने कहा, ‘‘रात को अंतिम संस्कार करने की क्या जरूरत थी। जब इतना रुक गए थे तो एक दिन और रुक जाते। सबसे बड़ा गुनाह तो उन्होंने (सरकार ने) यह किया कि मुझे अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया।''

पौड़ी जिले के श्रीनगर से 23 किलोमीटर दूर श्रीकोट गांव में सांत्वना देने आए लोगों की मौजूदगी में अंकिता की मां ने कहा कि उन्हें अस्पताल में रखा गया था और बेटी के अंतिम संस्कार की बात उन्हें तब पता चली जब उन्हें घाट चलने के लिए कहा गया। देवी ने कहा कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार न किया जाए लेकिन सरकार ने जबरदस्ती अंतिम संस्कार करवा दिया। हत्या के आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए अंकिता की मां ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की सुरक्षा की भी चिंता है क्योंकि आरोपी रसूखदार लोग हैं। त्वरित गति से जांच करने के लिए लक्ष्मणझूला में कैंप कर रही एसआईटी ने घटनास्थल पर पहुंचकर उसका गहनता से निरीक्षण किया और साक्ष्य इकटठा किए। एसआईटी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, घटनास्थल से भौतिक साक्ष्यों के साथ-साथ सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सीडीआर जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य इकटठा कर उनका विश्लेषण और अध्ययन किया जा रहा है जबकि प्रकरण के गवाहों और रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ जारी है।

फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया गया है जबकि रिजॉर्ट में घटना के दिन ठहरने वाले अतिथियों की सूची प्राप्त करके गहनता से जांच की जा रही है। इसके अलावा, आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेने की कार्रवाई की जा रही है। उधर, कांग्रेस महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोमवार को अंकिता भंडारी के गांव पहुंचे और उसके परिजनों से मिलकर उनका दुख बांटा। इस दौरान, ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया और अंकिता के नाम से सड़क तथा उसके नाम पर किसी स्कूल का नाम रखने के अलावा परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रुपए देने तथा परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि मामले को ‘फास्ट ट्रैक' अदालत में चलाकर दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई जाए।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बात की भी प्रमुखता से जांच होनी चाहिए कि आखिर वह कौन सफेदपोश था, जिसके लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने घटना से बड़े सफेदपोश लोगों के जुड़े होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो रातों-रात आनन-फानन में उस रिजॉर्ट को तोड़कर साक्ष्य मिटाने का काम नहीं किया जाता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भी रिजॉर्ट को बुलडोजर चलाकर तोड़े जाने को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया और पूछा कि किसे बचाने के लिए यह कार्रवाई की गई। यहां संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि सबूतों को नष्ट करने की नीयत से रिजॉर्ट को बुलडोजर चलाकर तोड़ा गया। माहरा ने कहा, ‘‘यह चिंता का विषय है कि आखिर सरकार किस वीआइपी या सफेदपोश को बचाने की कोशिश कर रही है।'' माहरा ने कहा कि यह जानकारी मिली है कि बड़े रसूखदार लोग उस रिजॉर्ट में जाते थे। उन्होंने कहा कि बिना पंजीकरण के रिजॉर्ट संचालित किया जा रहा था और किसी और मकसद के लिए आवंटित हुई जमीन पर रिजॉर्ट बना दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए। उन्होंने मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे उनकी असंवेदनशीलता साफ जाहिर हो गई है।

माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में चीतों के लिए नाम के सुझाव मांग रहे हैं लेकिन दुख की बात है कि उत्तराखंड की बेटी के लिए उनकी तरफ से न तो कोई संवेदनशील बयान आया और न ही उन्होंने इस बारे में कोई ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत शर्मनाक है। आज प्रधानमंत्री, भाजपा की नेत्रियां और पूरा भाजपा संगठन बेनकाब हो गया है। पूरे प्रदेश में जहां कांग्रेस तथा अन्य दल घटना का विरोध कर रहे हैं। वहीं भाजपा, उसके आनुषांगिक संगठन और महिला नेत्रियां पूरे परिदृश्य से गायब हैं।'' उन्होंने एसआईटी की जांच पर भी भरोसा न होने की बात कही।
 


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Nitika

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