'मनहूसियत' को दरकिनार करते हुए धामी ने विधिवत पूजा के बाद CM आवास में किया 'गृहप्रवेश'
punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 09:23 AM (IST)
देहरादूनः 'मनहूसियत' को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सावन के पहले सोमवार को विधिवत पूजा-पाठ के बाद न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में 'गृहप्रवेश' किया।
एक दशक पहले बना मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास वहां रहने वाले मुख्यमंत्रियों के लिए 'मनहूस' माना जाता है क्योंकि वहां रहने वाला कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। यहां रहने वाले विजय बहुगुणा से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक कोई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका और उसकी समय से पहले ही पद से विदाई हो गई। धामी ने पहले मुख्यमंत्री आवास परिसर में स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की और गौशाला में गौमाता से आशीर्वाद लिया। उसके बाद अपने परिवार के साथ विधि-विधान से पूजा कर उन्होंने 'गृह प्रवेश' किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं हमेशा वर्तमान में जीने में विश्वास करता हूं। न तो मैंने कभी भूतकाल की चिंता की और न ही उसका कभी प्रायश्चित किया। और न ही भविष्य में क्या होगा, इसकी अभी से चिंता करूंगा।'' उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के इतने संसाधन उसमें लगे हैं और राज्य के मुखिया या मुख्य सेवक के लिए वह बना है तो निश्चित रूप से उसे वहीं रहना चाहिए। आवास में प्रवेश से पहले उसका वास्तु दोष निवारण भी किया गया। मुख्यमंत्री आवास में पूजा करवाने वाले पंडितों ने कहा कि मंत्रों में बहुत शक्ति है और अगर किसी स्थान पर वास्तुदोष हो तो उसे मंत्रों और पूजा के जरिए ठीक किया जा सकता है। धामी के सरकारी आवास में प्रविष्ट होने पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें बधाई दी है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से भेंटकर उन्हें इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं जबकि कौशिक ने भी उन्हें मुबारकबाद दी। हालांकि, यह भी जानना दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री आवास में रहने से परहेज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और तीरथ सिंह रावत भी लंबे समय तक पद पर नहीं बने रह पाए। हरीश रावत 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में हारकर सत्ता से बाहर हो गए। इसी वर्ष मार्च में मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में रहने की बजाय उसे कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार करने की घोषणा की लेकिन उसके पूरा होने से पहले ही चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद उनकी विदाई हो गई।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां