पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों से अग्निपथ योजना को लेकर की चर्चा, युवाओं से मांगे सुझाव

punjabkesari.in Tuesday, Jun 21, 2022 - 04:38 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना को लेकर पूर्व सैनिकों के साथ चर्चा की। उनसे इस बारे में सुझाव मांगे ताकि युवाओं की कुछ चिंताओं का समाधान कैसे किया जाए। योजना पर पूर्व सैनिकों के साथ इस प्रकार का संवाद कार्यक्रम करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।
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राज्य के सभी 13 जिलों के पूर्व सैनिकों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और आम तौर पर उन्होंने योजना का स्वागत करते हुए इसे युवाओं के लिए रोजगार का एक सुनहरा अवसर बताया। कार्यक्रम में मौजूद अनेक लोगों ने यह भी कहा कि योजना का विरोध कर रहे लोगों को गुमराह किया जा रहा है और राजनीतिक दलों द्वारा उकसाया जा रहा है। हालांकि, कुछेक लोगों ने इसे लेकर सुझाव भी दिए कि योजना के बारे में युवाओं के कुछ वर्ग की चिंताओं का समाधान कैसे किया जाए। ज्यादातर लोग इस बात पर एकमत थे कि यह योजना अभिनव और प्रगतिशील है, जिससे सैन्य बलों के यंग प्रोफाइल के साथ ही युवाओं के लिए भी रोजगार की बड़ी संभावनाएं पैदा हुई हैं। उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर जनरल मोहन लाल असवाल ने सुझाव दिया कि सैन्य बलों में भर्ती की पहले से चल रही प्रणाली पर अचानक रोक लगाने की बजाय नई योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों में 4 साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद भविष्य की अनिश्चितता से संबंधित चिंता का समाधान नियमित न होने वाले 75 फीसदी अग्निवीरों के लिए क्षैतिज भर्ती की प्रणाली लागू कर किया जा सकता है। यह सुझाव भी आया कि अग्निवीरों को रोजगार में आरक्षण देने की बात करने वाली एजेंसियां अगर यह बताएं कि वह कितनी संख्या में नौकरियां देंगी तो युवाओं में फैली शंकाओं को दूर किया जा सकता है।

कार्यक्रम में धामी ने कहा कि अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है और हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत करवाएं, जिससे वे इसे लेकर भ्रमित न हों। 'वन रैंक वन पेंशन' और सियाचिन में तैनात सैनिकों के लिए उच्चस्तरीय उपकरणों की व्यवस्था आदि का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अब तक सभी निर्णय देशहित में लिए गए हैं और अग्निपथ योजना भी देशहित में है। उन्होंने कहा कि चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किए ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिए भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों तथा अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी और सेना से आने पर उसके पास इतनी जमा राशि हो जाएगी कि वह अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर सकता है या फिर उच्चस्तरीय अध्ययन भी कर सकता है।' धामी ने कहा कि इस वर्ष 46 हजार अग्निवीर भर्ती किए जाएंगे, जिससे सेना का प्रोफाइल यंग होगा और भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन की समस्या से जूझ रहे पर्वतीय क्षेत्रों में ओद्यौगिकी की व्यापक सम्भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार उसमें अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज के मंथन से अमृत निकलेगा और इस संबंध में प्राप्त हुए सुझावों को संकलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के हित में राज्य स्तर से संबंधित सुझाव पर राज्य सरकार के स्तर से कार्रवाई की जाएगी जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा।
 


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Nitika

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