चंपावत विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ सकते हैं पुष्कर सिंह धामी
punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 01:58 PM (IST)
नैनीतालः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी की ओर से इसकी अंतिम घोषणा तो नहीं की गई है लेकिन चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी व पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने ‘वेलकम सीएम' अभियान शुरू कर दिया है।
चंपावत से नव निर्वाचित भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने धामी के लिए सबसे पहले अपनी विधायकी छोड़ने की बात कही थी। मजेदार बात यह है कि तब धामी मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सबसे पहले चंपावत का 2 दिनी दौरा किया था। चंपावत के पूर्णागिरी मंदिर में मां के दर्शन के साथ ही टनकपुर-बनबसा क्षेत्र का दौरा किया था और कई घोषणाएं की थीं। रविवार को भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपने चंपावत आवास पर पुन: इसके संकेत दिए। उन्होंने अपने आवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक आहूत की और साफ-साफ मुख्यमंत्री के चंपावत से उप चुनाव लड़ने के संकेत दिए। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेकर चंपावत के विकास के लिए पद से इस्तीफा देने और मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने की बात कही।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने भी हाथ उठाकर विधायक गहतोड़ी के निर्णय का स्वागत किया और मुख्यमंत्री के पक्ष में जोरदार नारेबाजी की। यही नहीं कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाने का संकल्प भी दोहराया। इसके बाद चंपावत के बनबसा-टनकपुर क्षेत्र में सोशल मीडिया पर ‘वेलकम सीएम' अभियान शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं में विश्वास में लेने के साथ ही विधायक गहतोड़ी आज कल में देहरादून व दिल्ली का दौरा कर आलाकमान को अवगत करवाएंगे और इसके बाद पार्टी इस पर अंतिम मुहर लगाएगी। गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी में हुए विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने उन्हें खटीमा विधानसभा से भारी मतों से शिकस्त दी।
भाजपा ने 47 सीट जीत कर एक बार फिर सरकार बनायी और पार्टी ने धामी को पुन: प्रदेश की बागडोर सौंपी। पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपने से पहले ही पार्टी के आधा दर्जन विधायक उनके पक्ष में आ गए थे और विधायकी छोड़ने का दावा किया था। धामी के लिए सबसे पहले विधायक कैलाश गहतोड़ी ने विधायकी से इस्तीफा देने के बात कही थी। तभी से कयास लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री चंपावत से उपचुनाव लड़ सकते हैं।