धामी ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के आपदा पीड़ितों से मिलकर जानी उनकी समस्याएं

punjabkesari.in Sunday, Oct 24, 2021 - 10:57 AM (IST)

 

पिथौरागढ़/अल्मोड़ा/देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चीन के साथ लगी सीमा पर स्थित जनपद पिथौरागढ़ में तहसील धारचूला और जनपद अल्मोड़ा में जीरो ग्राउंड पर पहुंचकर, आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी तथा राहत राशि के चैक भी वितरित किए।

धामी ने तहसील धारचूला मुख्यालय तथा जिला मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तत्काल राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र के मृतक व्यक्तियों के प्रति दु:ख एवं संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दु:ख की इस घड़ी सरकार उनके साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी। धारचूला में उन्होंने आपदा प्रभावितों को कुल 23 लाख रुपए की धनराशि के चैक वितरित किए। धारचूला के बाद मुख्यमंत्री धामी ने जिला मुख्यालय पहुंचकर नैनीसैनी एयरपोर्ट के विश्राम गृह में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से हुए नुकसान की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राहत, बचाव एवं पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए रिस्टोरेशन कार्य करवाए जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न समेत आवश्यक सामग्री की आपूर्ति नियमित रूप से की जाए। जनपद में सड़क,संचार, विद्युत तथा पेयजल सहित सभी मूलभूत सुविधाओं को यथाशीघ्र दुरुस्त करते हुए स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाए,ताकि जनता को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बंद सड़कों को खोले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए अतिरिक्त मशीनरी को लगाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में आगामी 07 नवम्बर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, इसलिए यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने सभी सड़क मार्गों में झाड़ी कटान तथा नाली निर्माण का भी कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि,औद्यानिकी को भी जितनी क्षति हुई है, उसका भी तुरंत आंकलन किया जाए। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि विगत दिनों हुई भारी वर्षा से जनपद में कुल 105 सड़कें बंद हो गई थी, जिसमें से 66 सड़कों को यातायात हेतु खोल दिया गया है। शीघ्र ही सभी सड़कों को यातायात हेतु खोल दिया जाएगा। जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र में फसे लगभग 120 पर्यटकों को हैलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अतिरिक्त 108 क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों में से 87 लाईनों को अस्थाई रूप से सुचारू कर दिया गया है। भारी वर्षा से जिले के कुल 580 गांवों में विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई थी, जिसमें से 559 गांवों में विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है।

बैठक से पहले, मुख्यमंत्री तथा सभी जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों आदि द्वारा सभी दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। साथ ही, इस दौरान, जनपद के सभी आपदा मृतकों, घायलों परिजनों को मुआवजा राशि के चेक भी प्रदान किए गए। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याएं भी सुनी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने हीराडूंगरी निवासी रेखा देवी की पुत्री अरोमा सिंह के मलबे में दबने के कारण हुई मृत्यु पर उनकी माता से मिलकर गहरा दु:ख तथा शोक संवेदना व्यक्त किया। उन्होंने ग्राम सिराड पहुंचकर चन्दन सिंह की पत्नी लीला देवी के मलबे में दब जाने से मृत्यु होने पर उनके परिवारजनों से मुलाकात की और गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर कहा कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार हर सम्भव सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सरकार हर पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़ी है और सभी लोग अपने-अपने स्तर से काम कर रहे है। उन्होंने आपदा प्रभावित स्थलों का मुआयना करते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि आपदा मद से इन स्थलों पर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस लाइन में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय मार्ग तथा राज्य मार्ग यातायात हेतु खोल दिए गए है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की बन्द सड़कों को 26 अक्टूबर तक पूर्णरूप से खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आपदा से हुई क्षति में सभी को मुआवजा वितरित कर दिया गया है। जनपद में आपदा राहत कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। साथ ही सड़क, पैदल मार्ग, पेयजल लाइन, संचार एवं विद्युत आपूर्ति का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है और सभी परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

 

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Nitika