विश्व चिकित्सक दिवस पर स्वास्थ्य परामर्श शिविर का आयोजन, सेवा सोसाइटी ने डॉक्टरों को किया सम्मानित

punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2022 - 05:58 PM (IST)

 

देहरादूनः विश्व चिकित्सक दिवस के अवसर पर संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, दून विहार, जाखन, राजपुर रोड, देहरादून एवं सेवा सोसाइटी के द्वारा जन-जागरुकता व्याख्यान एवं निःशुल्क ऑर्थोपीडिक एवं स्त्री रोग स्वास्थ्य परामर्श शिविर का आयोजन किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नरेश बंसल, सांसद राज्य सभा, विशिष्ट अतिथि पद्म डॉ. योगी ऐरोन, वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन, डॉ. गीता खन्ना, अध्यक्ष बाल कल्याण एवं विकास मंत्रालय, उत्तराखंड, प्रो. पीपी ध्यानी, कुलपति देव सुमन एवं टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड एवं डॉ. आशुतोष सयाना, प्रधानाचार्य दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून, उत्तराखंड, पद्म डॉ. बीकेएस संजय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पद्म डॉ. बीके एस संजय ने सभी डॉक्टरों को डॉक्टर्स डे की बधाई दी एवं आए हुए सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह देकर आभार प्रकट किया। डॉ. संजय ने कहा कि भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की तिकड़ी हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। डॉक्टर्स अपने कार्य से राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। कोरोना ने डॉक्टरों के महत्व को बहुत अच्छे ढंग से समाज में उजागर किया है क्योंकि डॉक्टरों ने अपनी जान पर खेलकर समाज सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। |

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नरेश बंसल ने कहा कि डॉक्टर को अच्छा डॉक्टर ही नहीं बल्कि अच्छा इंसान भी बनना चाहिए और संवेदनशील होना चाहिए। डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि हमारे देश में जितना विश्वास मरीज डॉक्टरों पर करते हैं उतना अमेरिका में नहीं। डॉ. पीपी ध्यानी ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों से डॉक्टरी के प्रोफेसन की गरिमा में कमी आ रही है। डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार खासतौर से कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने में पुरजोर कोशिश कर रही है।
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डॉ. गौरव संजय ने योगेश अग्रवाल के साथ कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. संजय ने कार्यक्रम मे उपस्थित सभी डॉक्टरों का परिचय देकर स्वागत किया। डॉ. गौरव ने विस्तार से बताया कि चिकित्सक दिवस क्यों मनाया जाता है। उन्होंने डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा कि डॉक्टरों को भारत रत्न डॉ. विधान चंद्र रॉय के पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।
 


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Nitika

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