सचिवालय से हुई ई-परिवहन की शुरुआत, मुख्य सचिव को सौंपी गई पहली इलैक्ट्रिक कार की चाबी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 04:11 PM (IST)

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजीटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक ओर कदम आगे बढ़ाया है। सरकार ने सचिवालय के अफसरों के आने-जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार हायर करने की योजना बनाई है। पहले चरण में ऐसी 20 कारों को मंजूरी दी गई। 

पहले चरण में 20 कारों को दी गई मंजूरी 
जानकारी के अनुसार, सोमवार को सचिवालय में इस कार की टैस्ट ड्राइविंग हुई। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने दावा करते हुए कहा कि इस कार से जहां पर्यावरण का संरक्षण होगा, वहीं इससे लागत भी कम आएगी। भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सॢवसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने यह कार तैयार की है। राज्य सरकार से हुए समझौते के अन्तर्गत कम्पनी के अधिकारियों ने प्रमुख सचिव को पहली इलैक्ट्रिक कार की चाभी सौंपी। इसके साथ ही राज्य में ई-परिवहन की यात्रा शुरू हो गई है। 

वित्त सचिव ने की कार की टैस्ट ड्राइविंग 
मुख्य सचिव के कहने पर वित्त सचिव अमित नेगी ने इस कार की टैस्ट ड्राइविंग की। मुख्य सचिव ने बताया कि ई-वाहन से कार्बन-डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। प्रदूषण और लागत को कम करने के लिए राज्य में चरणबद्ध रूप से ई-वाहन का संचालन किया जाएगा। पहले चरण में 20 वाहन ईईएसएल से लिए जाएंगे। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि इन वाहनों के लिए ईईएसएल 38 हजार रुपए प्रति महीने किराया लेगा। इसमें ड्राइवर का व्यय भी शामिल है। इलैक्ट्रिक कार की चार्जिंग में मात्र 15 रुपए प्रतिदिन व्यय होंगे। इन कारों के संचालन में मात्र 28 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। एक बार में चार्ज होने पर यह कार 140 किलोमीटर तक चल सकेगी। 

इलैक्ट्रिक कार की चार्जिंग में व्यय होंगे मात्र 15 रुपए प्रतिदिन 
बता दें कि भारत सरकार ने साल 2020 तक भारतीय सड़कों पर 60 से 70 लाख इलैक्ट्रिक वाहन लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान शुरू किया गया है। इंटरनल कंबस्टर्न इंजन पर आधारित परिवहन की जगह इलैक्ट्रिक वाहन लाने के इस बदलाव से तेल आयात में कमी होगी। इसके साथ-साथ वित्तीय बोझ भी काफी कम होगा। 

prachi