उत्तराखंड में ‘रीडिंग कम्पेन'' एवं ‘पुस्तक परिक्रमा'' अभियान का शिक्षा मंत्री ने किया शुभारंभ

punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2022 - 10:52 AM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद मंगलवार को दो नई शैक्षिक अभियानों का राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुभारंभ किया।

धन सिंह रावत ने यहां स्थित शिक्षा महानिदेशालय में ‘‘रूम टु रीड'' एवं ‘‘नेशनल बुक ट्रस्ट'' के तत्वावधान में ‘रीडिंग कंपेन' एवं ‘पुस्तक परिक्रमा' का विधिवत् शुभारम्भ किया और मोबाइल लाइब्रेरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डॉ. रावत ने इस अभियान को अहम बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश में पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। सूबे में नेशनल बुक ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित किए जाने पर उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इसका लाभ राज्य के लेखकों, शैक्षिक संस्थाओं और पाठकों को अवश्य मिलेगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘‘रूम टु रीड‘‘ एवं ‘‘नेशनल बुक ट्रस्ट‘‘ के तत्वावधान में आयोजित यह अभियान प्रदेश में पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में अहम साबित होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 को सूबे में लागू कर दी गई है। इसके अन्तर्गत, नवीन पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें छात्रों की अभिरूचि, सृजनशीलता, नवाचार एवं रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। विभागीय मंत्री ने पढ़ने एवं पढ़ाने की प्रक्रिया को ग्रामीण स्तर तक ले जाने हेतु रूम टू रीड एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रूम टू रीड के स्थानीय भाषाओं पर आधारित चित्रात्मक पुस्तकें पठनीयता को बढ़ावा देगी।

राज्य में नेशनल बुक ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित किये जाने पर डॉ. रावत ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इसका लाभ राज्य के लेखकों, शैक्षिक संस्थाओं और पाठकों को अवश्य मिलेगा। इस मौके पर रूम टू रीड की राज्य प्रभारी पुष्प लता रावत ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति को हम दुर्गम और दूरस्थ इलाकों तक ले जाएं और कोविड महामारी से नौनिहालों के पठन-पाठन में जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि रूम टु रीड का रीडिंग कंपेन 15 अगस्त से 08 सितंबर तक लगातार चलेगा और इस दौरान स्कूल,समाज और संस्थाओं में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर सामुदायिक सहभागिता से पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

वहीं एनबीटी की स्वाति बडोला ने मोबाइल लाइब्रेरी की प्रासंगिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां पुस्तकों की दुकानें नहीं हैं, वहां भी पुस्तक परिक्रमा के ज़रिए उनकी मोबाइल बैन जाएगी और पाठकों को विश्व स्तरीय साहित्य उपलब्ध करवाएगी। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, वंशीधर तिवारी ने पुस्तकों की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभाग के प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत की।


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Nitika

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