पुलवामा हमलाः आज भी हरे हैं शहीद जवान के परिवारों के जख्म, नम आंखों से कर रहे याद

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 04:26 PM (IST)

 

देहरादूनः पुलवामा हमला हिंदुस्तान के इतिहास में एक ऐसा दिन जो जख्म साल 2019 में आज ही के दिन दे गया। इसका दर्द हमेशा सबकी आंखें नम करता रहेगा। पुलवामा आतंकी हमले में देश ने 44 जवानों को खोया था। इस हमले की पहली बरसी पर शहीद हुए जवानों को उनका परिवार और पूरा देश नम आंखों से याद कर रहा है।

14 फरवरी 2019 वह तारीख है जब देश में एक बड़े आतंकी हमले ने हर देशवासी को भावुक होने पर मजबूर कर दिया था। इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की काफिले पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 44 जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हमले का सबसे खौफनाक मंजर यह था कि इस हमले में शहीद हुए सभी सीआरपीएफ जवानों के पार्थिव शरीर टुकड़ों में उनके घर पहुंचे थे। इस हमले की आज पहली बरसी है।

वहीं पूरा देश इस बरसी पर अपने खोए हुए जवानों को नम आंखों से याद कर रहा है। इस हमले में शहीद हुए सभी जवानों के परिवारों ने जो खोया वो कभी लौटाया नहीं जा सकता। आज भी उनका परिवार जब इस मंजर को याद करता है तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं। इन्हीं 44 जवानों में एक उत्तराखंड के देहरादून में रहने वाले मोहनलाल रतूडी थे। इस हमले के 1 साल बाद मोहनलाल रतूडी का परिवार किसी तरह पटरी पर वापस लौटा है। उनके परिवार में पत्नी सरिता उनकी एक विवाहित बेटी सहित 3 बेटियां और 2 बेटे हैं। इस परिवार को सरकार की तरफ से जो भी सहायता दी गई है, परिवार उसके लिए सरकार का धन्यवाद भी कर रहे हैं। शहीद मोहनलाल रतूडी की पत्नी सरिता कहती है कि इस दुख की घड़ी में हर किसी ने उनके परिवार का साथ दिया, जिसके लिए वह सभी की आभारी रहेगी।

बता दें कि शहीद मोहन लाल के परिवार का कहना है कि उनकी कोई मांग नहीं है लेकिन अगर सरकार चाहे तो मोहन लाल रतूड़ी का एक स्मारक भी बना सकती है, जो राज्य का ही सम्मान होगा।

Nitika