राजाजी टाइगर रिजर्व के अफसरों ने दिया आदमखोर गुलदार को पकड़ने का खून

punjabkesari.in Tuesday, May 22, 2018 - 06:24 PM (IST)

हरिद्वार: आदमखोर गुलदार का राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर से रायवाला तक खौफ है। आम आदमी तो दूर वन कर्मी भी उधर जाने से करराते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आदमखोर गुलदार अपने क्षेत्र में 19 लोगों को मौत के घाट उताने के साथ ही अपना निवाला बना चुका है। गुलदार को अब दबोचने के लिये राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सहित कई वन कर्मियों ने अपना खून दिया है। यह जानकर आपको हैरत जरूर होगी कि देश के जंगल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है।आदमखोर को अब अपना खून देकर पकड़ने की योजना वन अधिकारियों ने बनाई है। मोतीचूर रेंज से रायवाला क्षेत्र तक गुलदार का काफी मूवमेंट है।

 

इन गुलदारों में आदमखोर गुलदार भी हैं, जिनके मुंह इंसानों का खून लग गया है। 2004 से अब तक करीब 19 लोगों को आदमखोर ने अपना शिकार बनाया है। काफी कोशिशें के बाद आदमखोर को दबोचा नहीं जा सका। यह बात उस वक्त बार-बार सामने आई जब इंसानों का गुलदार ने शिकार किया। कई बार टीम ने आदमखोर को दबोचने की योजना बनाई। लेकिन आदमखोर की जगह दूसरे गुलदार जरूर फंस गये या यूं कहें कि एक से अधिक आदमखोर इस जंगल में घूम रहे हैं। क्योंकि, सोमवार को मोतीचूर रेंज अंतर्गत एक और व्यक्ति को गुलदार ने जब अपना शिकार बनाया तो यह साफ हो गया कि अभी आदमखोर वन अफसरों की पकड़ से दूर है। ​जिसे लेकर एक बार फिर आम लोगों की आवाज बुलंद हुई।

 

नेताओं का दबाव भी राजाजी टाइगर रिजर्व पर पड़ा। फिर आदमखोर को दबोचने की कवायद तेज हुई है।  इस बार योजना में बदलाव किया गया है। इस बार इंसानी खून के प्यासे गुलदार को अब इंसानी खून से ही दबोचने की योजना राजाजी की टीम ने बनाई है।इस बार इंसान का पुतला बनाकर उस पर इंसान का खून लगाया गया है ताकि इस खून की महक को सूंध कर आदमखोर पहुंचे और उसे दबोचा जा सके। करीब 100 एमएल से अधिक खून राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर सहित करीब 10 स्टाफ ने दिया है। यह पहला अवसर होगा जब जंगल में इस तरह का प्रयोग आदमखोर को पकड़ने के लिये किया जा रहा है। 

 

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर ने बताया कि, आदमखोर गुलदार को हर संभव पकड़ने की कोशिश की है। लगातार हो रही मौतों से विभाग चिंतित है। अब मैं सहित करीब 10 स्टाफ ने अपना खून निकाला है और एक इंसान का पुतला बनाकर आदमखोर के मूवमेंट वाली जगह पर रखी गयी है। सोमवार रात से यह काम शुरू किया है। इस बार गुलदार इंसान के पुतले से कुछ दूरी तक आकर लौट गया। इस प्रयोग को दोहराया जायेगा। देखते हैं क्या रिजल्ट आता है।

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