पूर्व सरकार ने हरकी पौड़ी को बताया नहर, विभिन्न संगठनों ने इस फैसले का किया विरोध

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 06:42 PM (IST)

हरिद्वारः उत्तराखंड की पूर्व कांग्रेस सरकार का हरिद्वार की हरकी पौड़ी के संबंध में दिया गया एक शासनादेश वर्तमान की भाजपा सरकार के गले की फांस बन गया है।
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हरिद्वार में विभिन्न संगठनों ने संगोष्ठी का किया आयोजन 
जानकारी के अनुसार, धर्मनगरी हरिद्वार स्थित विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी को पूर्व की हरीश रावत सरकार मे एक शासन आदेश में कैनाल अर्थात नहर बनाया था। इसका उस समय भी काफी विरोध किया गया था। हरिद्वार के प्रेस क्लब में आध्यात्मिक चेतना संघ बैनर तले कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के बीच एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में सरकार के हरकी पौड़ी को गंगा ना मानने वाले फैसले का विरोध किया। इसके साथ-साथ इस फैसले को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए रणनीति भी तैयार की गई। 
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सरकार को शासनादेश लेना चाहिए वापस 
अध्यात्म चेतना संघ के अध्यक्ष आचार्य करुणेश मिश्र का कहना है कि एक शताब्दी पूर्व पंडित मदन मोहन मालवीय ने अंग्रेजों से संघर्ष करके हरकी पौड़ी का निर्माण किया था। इसके साथ-साथ तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने भी उसको धार्मिक स्थल माना था लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आज की सरकार हरकी पौड़ी को नहर मानती है। गोष्ठी में मौजूद लोगों ने कहा कि हरकी पौड़ी ही गंगा की मुख्यधारा है। उन्होंने कहा कि हरकी पौड़ी स्थल को नहर बताना लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करना है। इसलिए सरकार को यह शासनादेश वापस ले लेना चाहिए। 


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Nitika

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