आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, उद्धव और कुबेर के साथ रावल का पांडुकेश्वर प्रस्थान

punjabkesari.in Monday, Nov 22, 2021 - 03:05 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड स्थित चार धामों में से एक विश्व विख्यात बाबा बद्रीनाथ धाम से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, उद्धव जी, कुबेर जी की डोली ने रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित गढ़वाल स्काट के बैंड के भक्तिमय धुनों की स्वर लहरियों के बीच रविवार की सुबह पांडुकेश्वर (जोशीमठ) के लिए प्रस्थान किया।

इस अवसर पर संपूर्ण बद्रीनाथ धाम जय बद्री विशाल की जयघोष से गूंज उठा। इससे पहले शनिवार को धाम के कपाट शीतकाल तक के लिए बंद कर दिए गए थे। आज दिन में देवडोलियां 12.30 बजे योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंची। स्थान-स्थान पर देव डोलियों का भव्य स्वागत हुआ। उद्धव जी, कुबेर जी सहित रावल जी एवं आदिगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी इस तरह योग बद्री पांडुकेश्वर पहुंची। उद्धव जी, कुबेर जी योग बद्री पांडुकेश्वर में विराजमान हुए। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जी के साथ पांडुकेश्वर से सोमवार दिन तक नृसिंह बद्री, जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पांडुकेश्वर एवं जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि परंपरागत रूप से उत्तराखंड चार धामों में केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, यमुनाजी जी की शीतकालीन पूजा खरसाली (खुशीमठ) तथा गंगोत्री धाम की मुखबा (मुखीमठ) में शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार प्रात: द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट बंद हो जाएंगे। जबकि 25 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि परंपरागत मद्महेश्वर मेला मुख्य रुप से इसी दिन आयोजित होगा।


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Nitika

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