जंगलों की आग के कारण तेजी से पिघल रहे हैं ग्लेशियरः वैज्ञानिक

punjabkesari.in Friday, May 25, 2018 - 04:04 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के पैदा हो रही गर्मी हिमालय में मौजूद ग्लेशियरों तक पहुंच रही है। इससे ग्लेशियरों पर खतरा बढ़ता जा रहा है। 
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वैज्ञानिकों के अनुसार, जंगलों के जलने से बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड निकल रही है। इसके साथ ही आग से निकलने वाली राख और सूक्षम कण ग्लेशियरों पर चिपककर सीधे तौर पर भी बर्फ पिघलने की गति को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्. के जंगल चारों तरफ से आग से धधक रहें हैं। इससे सारे क्षेत्र का वातावरण गर्म हो रहा है। यह ग्लेशियरों के लिए खतरे का कारण बनते जा रहें हैं। 

हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल का कहना है कि आग लगने के कारण उड़ने वाली राख ऊपर उड़कर ग्लेशियरों पर जमा हो रही है। इससे ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार तेज होती जा रही है। वैज्ञानिक का कहना है कि उत्तराखंड के जंगलों में इस बार भाषण आग लगी हुई है। इसके कारण वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है।

डॉ. डोभाल का कहना है कि ग्लेशियरों के तेज गति से पिघलने के कारण हिमालय में हिमस्खलन आने का खतरा ओर बढ़ जाता है, इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। वहीं उन्होंने कहा कि जंगलों की आग से ग्लेशियरों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि आग के धुएं और राख के कणों में ब्लैक कार्बन होता है जो ग्लेशियरों की सतह पर जम जाता है, इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलते हैं। 
 


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Nitika

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