15 अप्रैल तक होगा सुगम व दुर्गम क्षेत्र का निर्धारण, शासन का रवैया सख्त

punjabkesari.in Thursday, Apr 05, 2018 - 09:08 PM (IST)

देहरादून: स्थानांतरण एक्ट के क्रियान्वयन को लेकर शासन सख्त हो चुका है। सभी विभागाध्यक्षों को 15 अप्रैल तक सुगम व दुर्गम क्षेत्र का निर्धारण करने और दुर्गम में बाध्यकारी स्थानांतरण की सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम-2017 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभागीय सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 15 अप्रैल 2018 तक हर हाल में प्रत्येक संवर्ग के लिए सुगम व दुर्गम स्थल क्षेत्र के कार्यस्थल का निर्धारण कर लिया जाए। 


इसी समय सीमा के अंदर स्थानांतरण के लिए पात्र कार्मिकों, उपलब्ध कर्मचारियों आदि की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाए। विभागीय सचिवों की ओर से मुख्य सचिव को अब तक की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि तय समय सीमा के अंतर्गत सभी विभागों द्वारा 31 मार्च तक कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष द्वारा मानक के अनुसार कार्यस्थल का चिह्नीकरण कर लिया गया है। एक अप्रैल तक शासन, विभागाध्यक्ष, मण्डल और जनपद स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन कर लिया गया है। बताते चलें कि स्थानांतरण अधिनियम-2017 के अनुसार कार्मिकों के पदस्थापना के लिए 31 मार्च तक वर्गीकरण किया जाना था। स्थानांतरण समितियों का गठन और समिति का दायित्व एक अप्रैल तक तय करना था। अधिकांश विभागों में यह टारगेट पूरा कर लिया गया है। 


अब अधिनियम के प्राविधान के अनुसार सुगम और दुर्गम स्थल का चिन्हांकन और प्रकटीकरण 15 अप्रैल तक करना है। सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण के लिए पात्र कार्मिकों की सूची तैयार करना है और विकल्प मांगा जाना है। दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण के लिए पात्र कार्मिकों की सूची तैयार करना है और विकल्प मांगा जाना है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि तय समय सीमा में शेष सभी काम सम्पन्न किए जाएं। बैठक में अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


सचिवालय सुगम क्षेत्र घोषित
स्थानांतरण एक्ट 2017 के तहत 15 अप्रैल तक सभी विभागों में सुगम व दुर्गम का निर्धारण होना है। इस अनिवार्यता के तहत उत्तराखंड शासन ने देहरादून स्थित राज्य सचिवालय को सुगम क्षेत्र में चिह्नित किया है। राज्यपाल ने शासन के इस निर्णय पर बुधवार को मुहर लगा दी है। इतना ही नहीं, सचिवालय में अनिवार्य स्थानांतरण को लेकर दिशा निर्देश तय करने के लिए एक्ट के प्रावधानों के अनुसार समिति का भी गठन कर दिया गया है। सचिव सचिवालय प्रशासन को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। अपर सचिव स्तर के दो अधिकारियों को इस समिति में सदस्य मनोनीत किये गये हैं।

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