अध्यादेश मामले में सरकार ने कोश्यारी सहित चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिए नोटिस
punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 10:39 AM (IST)
नैनीतालः उत्तराखंड के 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने के मामले में पारित अध्यादेश की वैधानिकता को लेकर गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई। इस मामले में आज सुनवाई होगी।
सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सभी पक्षकारों को नोटिस उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को इस मामले में शपथपत्र पेश करने को कहा है। इस मामले में खास पहलू यह है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को भी पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट के आदेश पर उन्हें भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में इस प्रकरण पर गत मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से सभी पक्षकारों को नोटिस उपलब्ध नहीं करवाया गया है। इसके बाद अदालत ने सभी को नोटिस उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस मामले में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सहित अन्य 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और विजय बहुगुणा को पक्षकार बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन होने से उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया है। सरकार की ओर से आज अदालत को बताया गया कि सभी को नोटिस उपलब्ध करा दिया गया है। इसके बाद अदालत ने सरकार को इस मामले में शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून की गैर सरकारी संस्था रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केन्द्र की ओर से अध्यादेश को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि अध्यादेश असंवैधानिक है और उच्च न्यायालय के 3 मई 2019 को दिए गए आदेश को पलटने के उद्देश्य से सरकार अध्यादेश लाई है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार को इस प्रकार की कोई विधायी शक्ति प्राप्त नहीं है, जिससे अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाया जा सके।
गौरतलब है कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विगत 05 सितम्बर को राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा अध्यादेश, 2019 को मंजूरी दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद इस अध्यादेश को 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के रूप में देखा जा रहा था। जिन्हें उच्च न्यायालय ने छह माह के अंदर 2.8 करोड़ रुपए की धनराशि सरकारी आवास एवं अन्य मदों के बदले में जमा करने के निर्देश दिए थे। रलेक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इस साल 3 मई 2019 को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सभी 5 मुख्यमंत्रियों को बाजार दर पर आवास किराया सहित अन्य चीजों का भुगतान करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने यह भी कहा था कि यदि प्रतिवादी अदालत के निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो सरकार उनसे वसूली की कार्रवाई कर सकती है।
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