उत्तरकाशी में कूड़ा डंपिंग के लिए नए स्थान का चयन करे सरकार: नैनीताल हाईकोर्ट

punjabkesari.in Friday, Mar 01, 2019 - 04:40 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा नदी में प्रदूषण बढ़ाने वाले उत्तरकाशी के कानसेन गांव स्थित कूड़ा डंपिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सरकार को समुचित स्थान तलाशने को कहा है। कोर्ट ने डंपिंग जोन बनाने के लिए नियमों और प्रावधानों का पालन करने को कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता निरंजन भट्ट ने यह जानकारी दी।

जानकारी के अनुसार, भट्ट ने कहा कि अदालत ने सरकार को ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली 2016 के प्रावधानों का पालन करने को कहा है। कोर्ट ने इससे पहले भी कूड़ा डंपिग पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे तथा राज्य सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। वहीं भट्ट ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने सरकार को कानसेन गांव के स्थित कूड़ा डंपिंग जोन में कूड़ा डंप नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कहा कि सरकार नए स्थान का चयन करे और इसमें नियमावली और प्रावधानों का ख्याल रखे। उन्होंने कहा कि मामला पिछले साल नवम्बर से जुड़ा है।

बता दें कि अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक जनहित याचिका दायर कर ली थी। अदालत ने उत्तरकाशी स्थित कूड़ा डंपिंग जोन से गंगा एवं उसकी सहायक टेकला नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। अदालत ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को जांच के बाद आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। अधिवक्ता ने कहा कि इसके बाद नगर पालिका की ओर से कूड़ा डंप करने के लिये कानसेन गांव का चयन किया गया। इस मामले में फिर नया मोड़ आया।

कानसेन गांव के ग्राम प्रधान किशोर सिंह बिष्ट ने नगर पालिका के इस कदम को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पालिका परिषद द्वारा जिस स्थान पर कूड़ा डंप किया जा रहा है वह एक पहाड़ीनुमा क्षेत्र है और ढलान के कारण कूड़ा बहकर गंगा नदी को प्रदूषित हो रहा है।

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