उत्तराखंड HC ने प्लास्टिक कूड़े के निपटारे पर रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर जताई नाराजगी

punjabkesari.in Friday, Aug 05, 2022 - 10:23 AM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध और प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण पर जिलाधिकारियों द्वारा प्र​गति रिपोर्ट जमा न करने पर नाराजगी जताई है। न्यायालय ने राज्य सरकार को कांवड यात्रा के दौरान फैले कूड़े के निपटारे के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विवरण उपलब्ध करवाने को भी कहा है।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने प्लास्टिक कूड़े के निपटारे पर दिए अपने पिछले आदेश का पालन न करने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को फटकार लगाई। अदालत ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्वतारोहियों के आरोहण के लिए खुली प्रदेश की सभी 30 चोटियों की पर्यावरणीय जांच करने के आदेश भी दिए। न्यायालय ने हल्द्वानी के नगर निगम आयुक्त को मंडी बाईपास रोड पर फैले कूड़े को लेकर स्पष्टीकरण देने का आदेश देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया और इस संबंध में 28 अगस्त को अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा।

उच्च न्यायालय ने इन मसलों पर अपनी नाराजगी बुधवार को इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जाहिर की। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में कहीं भी प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के संबंध में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। याचिका के अनुसार, 2018 में केंद्र ने प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन नियम बनाए थे, जिनमें उत्पादकों, उनका परिवहन करने वाले और विक्रेताओं को अपनी बिक्री के बराबर प्लास्टिक वापस लेने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया था कि अगर उत्पादक निर्धारित मात्रा में प्लास्टिक वापस लेने में विफल रहते हैं, तो उन्हें प्लास्टिक कूड़े के सही निस्तारण के लिए संबंधित नगर निकाय को धन उपलब्ध करवाना होगा।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्लास्टिक उत्पादकों द्वारा इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कूड़े के ढेर लग गए हैं। इससे पहले, अदालत ने प्रदेश के सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को प्लास्टिक कूड़े तथा कचरे के व्यवस्थित निस्तारण पर अपनी प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
 

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Nitika