नैनीताल HC ने छात्रवृत्ति घोटाले में SC-ST आयोग और आरोपी को दिया झटका

punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2019 - 11:50 AM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक और घोटाले के आरोपी गीतराम नौटियाल को एक साथ झटका दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग के आदेश को निरस्त करते हुए घोटाले के आरोपी की गिरफ्तारी पर से रोक हटा दी है।

कोर्ट ने संयुक्त निदेशक पर न्यायिक कार्यों को प्रभावित करने के लिए 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अब एसआईटी आरोपी को गिरफ्तार कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने मंगलवार को छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में पंकज कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर निर्णय सुनाया। कोर्ट ने बीते 13 सितम्बर को इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया था। छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में कोर्ट में विभिन्न याचिकाएं दायर हैं। कोर्ट ने पंकज कुमार सिंह की जनहित याचिका पर निर्णय सुनाते हुए अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सख्त टिप्पणी की है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं किया है। आयोग ने समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एवं आरोपी पर बेहद सख्त टिप्पणी की है और कहा है कि नौटियाल ने बेहद चतुराई से कानून का दुरुपयोग किया है।

कोर्ट ने आरोपी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जो कि उन्हें 2 सप्ताह में लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने इस मामले में गत 11 सितम्बर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था और नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। दरअसल एसआईटी को आरोपी के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ तथ्य हाथ लगे हैं। इसके बाद एसआईटी ने मामला दर्ज कर लिया। एसआईटी की गिरफ्तारी से बचने के लिये आरोपी ने उच्च और उच्चतम न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की लेकिन उसे दोनों जगह से निराशा हाथ लगी। इसके बाद गीतराम नौटियाल ने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया। आयोग ने 2 जुलाई को एक आदेश जारी कर मामला आयोग के सामने विचाराधीन होने के चलते गीतराम नौटियाल को गिरफ्तार नहीं करने के आदेश दे दिए। इसके बाद मामले में मोड़ आया और आयोग के अधिकार क्षेत्र को लेकर मामला कोर्ट पहुंच गया।

हरिद्वार के सूचना अधिकार कार्यकर्ता पंकज कुमार ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के निर्णय को चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में आयोग के अध्यक्ष हरिकिशन साय और 3 सदस्यों हरिकृष्ण दामौर, अरशद भाई चुन्नीलाल दसावा और माया चिंतामन इब्नाते को पक्षकार बनाया गया और उन्हें नोटिस जारी किया गया। दूसरी ओर इसी घोटाले में देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता रवीन्द्र जुगरान की ओर से दायर मुख्य जनहित याचिका अभी कोर्ट के समक्ष लंबित है और कोर्ट की निगरानी में इस मामले में एसआईटी जांच की जा रही है।

कोर्ट ने घोटाले की जांच के लिए 2 दलों का गठन किया है। टीएस मंजूनाथ वाली एसआईटी हरिद्वार और देहरादून के मामलों की जांच कर रही है जबकि पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल की अगुवाई वाली राज्य के अन्य 11 जिलों की जांच में जुटी है। कोर्ट ने दोनों एसआईटी को जांच की प्रगति रिपोर्ट अगली तिथि तक कोर्ट में पेश करने को कहा है।


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Nitika

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