HC ने अध्यादेश मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब, 14 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 06:34 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने से जुड़े अध्यादेश की वैधानिकता को लेकर राज्य सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पक्षकार बनाया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में सोमवार को अध्यादेश के मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पक्षकार बनाया। इसके साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया गया कि अध्यादेश असंवैधानिक है और उच्च न्यायालय के 3 मई 2019 को पारित आदेश को पलटने के उद्देश्य से अध्यादेश को लाया गया है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि सरकार को इस प्रकार की कोई विधायी शक्ति नहीं मिली हुई कि वह कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अध्यादेश ला सके। देहरादून की एक गैर सरकारी संस्था रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केन्द्र (रलेक) ने न्यायालय में अध्यादेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।

इस मामले में उत्तराखंड सरकार के अतिरिक्त राज्य के 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, बहुगुणा और भुवन चंद्र खंडूड़ी को भी पक्षकार बनाया गया है। बता दें कि रलेक की ओर से साल 2010 में एक जनहित याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले सरकारी आवास और अन्य सुविधाओं के मामले को चुनौती दी गई थी। इसके बाद कोर्ट ने इसी साल 3 मई को दिए आदेश में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार दर पर आवास किराया और अन्य मदों का भुगतान करने को कहा था।
 


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Nitika

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