अस्थायी महिला कार्मिकों की CCL मामले में सुनवाई पूरी, HC ने निर्णय रखा सुरक्षित

punjabkesari.in Saturday, Jul 18, 2020 - 05:52 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नियमित कर्मचारियों की तरह ही अस्थायी एवं संविदा पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) का लाभ मिलेगा या नहीं यह उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस मामले को देहरादून निवासी तनुजा टोलिया की ओर से चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता पेशे से चिकित्सक हैं और उन्होंने 2019 में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने उन्हें अस्थायी सेवा के दौरान सीसीएल का लाभ देने से इनकार कर दिया है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार का यह कदम भेदभावपूर्ण एवं मौलिक अधिकारों का हनन है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय की संयुक्तपीठ की ओर से 15 दिसंबर, 2016 को डॉ. दीपा शर्मा बनाम उत्तराखंड सरकार मामले में निर्णय दिया गया है कि प्रदेश में स्थायी, अस्थायी एवं संविदा पर तैनात सभी महिलाओं को सीसीएल का लाभ मिलना चाहिए। इसी को आधार बनाकर याचिकाकर्ता की ओर से सीसीएल के लिये आवेदन किया गया था। जिसे सरकार ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस कदम को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई लेकिन युगलपीठ के पूर्व के फैसले को देखते हुए इस मामले को पूर्ण पीठ को सौंपा दिया गया। इसी क्रम में विगत 14 जुलाई, 2020 को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की अगुवाई में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा वाली पूर्ण पीठ का गठन किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता बीडी पांडे ने पैरवी की।


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Diksha kanojia

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