VIP गाड़ी छोड़ रोज साइकिल से अपने कार्यालय पहुंचते हैं यह IAS अधिकारी, जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 01:03 PM (IST)

 

देहरादून(कुलदीप रावत): आमतौर पर आईएएस अधिकारी चमचमाती सरकारी लग्जरी कार की सवारी करते है। वे जहां भी जाते है, लग्जरी कार साथ होती है। कुछ अधिकारी तो रुतबा झाड़ने के लिए भी लग्जरी कारों पर सवार रहते हैं लेकिन इन सब से अलग एक आईएएस हैं, जो अपनी सरकारी लग्जरी कार छोड़कर साइकिल पर चलते हैं। राज्य के सचिव पद पर पदस्थ यह युवा अधिकारी अपनी कार्यालयी जिम्मेदारी के साथ ही एक अलग फिट, इंडिया हिट, इंडिया मिशन पर निकल पड़े हैं। यह अपने कार्यकाल में जहां-जहां भी रहे वहां उनकी साइकिल हमेशा उनके साथ रही है।

ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल हैं पुरुषोत्तम
हम उत्तराखंड के 2004 बैच के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम की बात कर रहे हैं। इससे पूर्व वह पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के पीएस के रूप में सेवाएं दे रहे थे। उन्हें कुछ महीने पहले ही केंद्र से रिलीव कर दिया गया था। दिल्ली में भी वह अक्सर भारी ट्रैफिक से बचने के लिए अपनी साइकिल से ही दफ्तर पहुंचा करते थे। पुरुषोत्तम पहले भी उत्तराखंड में साल 2019 में गढ़वाल कमिश्नर के पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बीवीआरसी पुरुषोत्तम साल 2012 में देहरादून के जिलाधिकारी रह चुके हैं। उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल दी जाती है।

ग्रामीण विकास सचिव के पद पर कार्यरत हैं पुरुषोत्तम
वर्तमान में डॉक्टर पुरुषोत्तम सहकारिता मत्स्य पशुपालन ग्रामीण विकास सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही वह राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना प्रोजेक्ट के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी है। वह हर रोज सुबह घर से अपना लैपटॉप का बैग और हेलमेट लगाकर अपने राजपुर रोड स्थित राज्य समेकित कार्यालय समय से पहले साइकिल से ही पहुंचते हैं और साइकिल से ही वापस शाम को घर पहुंचते हैं।
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स्वस्थ रहने के साथ साइकिल चलाकर आनंद भी लेते हैं पुरुषोत्तम
डॉ. पुरुषोत्तम न केवल फिट और स्वस्थ रहने के लिए साइकिल चलाते हैं, बल्कि वास्तव में इसका आनंद लेते हैं। वे बस अपना हेलमेट लगाते हैं। अपनी साइकिल उठाते हैं और साइकिल से घूमते हैं और देहरादून शहर की खोज करते हैं।" उन्होंने बताया कि उत्तराखंड दुनिया का सबसे बड़ा साइकिलिंग ट्रैक है। वह साइकिलिंग फिट रहने के लिए करते हैं। सुबह 4:00 से 5 बजे रोज देहरादून से मालदेवता की तरफ लगभग 20 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। उसके पश्चात घर से दफ्तर भी साइकिल पर ही आया जाया करते हैं। इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है लेकिन उसके बावजूद भी बरसात उनके साइकिलिंग के जुनून को कम नहीं कर पाती है।

कर्मचारियों से पहले दफ्तर में उपस्थित होते हैं पुरुषोत्तम
राज्य समेकित विकास परियोजना के दफ्तर में वह रोज सुबह 9:00 से 9:30 के बीच दफ्तर पहुंच जाते हैं। राज्य समेकित सहकारी परियोजना के कर्मचारी बताते हैं कि सचिव साहब हम लोगों से पहले दफ्तर में उपस्थित हो जाते हैं। हम जब कार्यालय को आते हैं तो सर की साइकिल बाहर देख समझ जाते हैं कि सर अपने ऑफिस में बैठकर अपने जरूरी काम निपटा रहे हैं। उसके पश्चात वह अपनी साइकिल लेकर सचिवालय स्थित अपने दफ्तर चले जाते हैं।

कई भाषाओं के ज्ञाता भी हैं पुरुषोत्तम
उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम कई भाषाओं के ज्ञाता भी हैं। वह जहां बहुत अच्छी फ्रेंच भी बोल लेते हैं। वहीं हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और गढ़वाली बोली में भी उनकी अच्छी पकड़ है। 
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पुरुषोत्तम ने गढ़वाली भाषा में दिया था अपना संबोधन
बता दें कि पुरुषोत्तम जून 2019 में गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर सुनैरो गढ़वाल कार्यक्रम आयोजित हुआ था। सरकार ने पौड़ी में इस उपलक्ष्य में कैबिनेट की बैठक की थी। मंत्रियों, विधायकों ने अपने स्टेटस तो गढ़वाली में लिखे थे, लेकिन ज्यादातर लोग हिंदी में भाषण देते नजर आए। तबके गढ़वाल आयुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अपना संबोधन गढ़वाली भाषा में दिया था।
 


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Nitika

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